इंडिपेंडेंट इंडिया की HISTORY में पहली बार देश की इस महिला को होगी फांसी, जानिए ऐसा क्या हुआ था, 13 साल पहले…

न्यूज टुडे नेटवर्क। इंडिपेंडेंट इंडिया में देश की पहली लेडी को फांसी देने की तैयारी शुरू हो गई है। बीती 15 फरवरी को राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज की तो फांसी की सजा बरकरार हो गई है। यह मामला यूपी के अमरोहा जिले से जुड़ा है, यहां तेरह साल पहले अमरोहा की शबनम ने
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इंडिपेंडेंट इंडिया की HISTORY में पहली बार देश की इस महिला को होगी फांसी, जानिए ऐसा क्या हुआ था, 13 साल पहले…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। इंडिपेंडेंट इंडिया में देश की पहली लेडी को फांसी देने की तैयारी शुरू हो गई है। बीती 15 फरवरी को राष्‍ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज की तो फांसी की सजा बरकरार हो गई है। यह मामला यूपी के अमरोहा जिले से जुड़ा है, यहां तेरह साल पहले अमरोहा की शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के ही सात लोगों को कुल्‍हाड़ी से काट डाला था। मुकदमे में सुनवाई दर सुनवाई के दौरान उसे फांसी की सजा सुना दी गई। अब राष्‍ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। राष्‍ट्रपति के इस निर्णय के बाद अब आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश की पहली महिला को फांसी देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

यह फांसी उत्तर प्रदेश के इकलौते महिला फांसीघर मथुरा जेल में दी जाएगी। फांसी कब होगी? इसकी अभी कोई निश्चित तारीख नहीं है। लेकिन फांसी घर की मरम्मत व फंदे के रस्सी का ऑर्डर दिया गया है। मेरठ में रहने वाले पवन जल्लाद ने कहा कि वह मथुरा जेल के अफसरों के संपर्क में है। जैसे ही बुलावा आएगा। वह पहुंच जाएगा।

अंग्रेजी हुकूमत में मथुरा जेल में बना था फांसीघर

महिलाओं को फांसी के लिए मथुरा जेल में 1870 में फांसी घर बनाया गया था। रिकॉर्ड के अनुसार आजादी के बाद से इस फांसी घर का प्रयोग नहीं किया गया। जिससे फांसी घर जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। फांसी घर के मरम्मतीकरण के लिए जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। हालांकि शबनम को फांसी दिए जाने की जानकारी से इंकार किया। कहा कि फांसी घर की स्थिति खराब थी। इसलिए उसके दुरस्तीकरण के लिए पत्र लिखा गया। रस्सी का भी आर्डर दिया गया है।

पवन जल्‍लाद जेल अफसरों के संपर्क में

मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद ने बताया कि वह छह माह पहले मथुरा जेल गया था जहां शबनम को फांसी दी जानी है। वह काफी खराब हालत में था। जिस तख्ते पर खड़ा कर मुल्जिम को फांसी को दी जाती है, वह टूट चुका था। अब उसे बदलवा दिया गया है। लीवर भी जाम हो चुका था। उसे अब नरम कर दिया गया है। मेरठ के जेल अधीक्षक डॉक्टर बीबी पांडेय बताया कि मथुरा जेल से जैसे ही पवन जल्लाद को बुलाया जाएगा। उसे भेज दिया जाएगा।