किसान पीछे हटने को तैयार नहीं, 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का ऐलान

न्यूज टुडे नेटवर्क। नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान संगठन आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। 6 फरवरी को चक्का जाम के बाद अब किसानों ने 18 फरवरी को 4 घंटे के लिए रेल रोको आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उधर दिल्ली की सीमाओं पर भी किसान अभी जमे हुए
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किसान पीछे हटने को तैयार नहीं, 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन का ऐलान

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान संगठन आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। 6 फरवरी को चक्का जाम के बाद अब किसानों ने 18 फरवरी को 4 घंटे के लिए रेल रोको आंदोलन का ऐलान कर दिया है। उधर दिल्ली की सीमाओं पर भी किसान अभी जमे हुए हैं। कृषि कानून पर संसद में चर्चा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से अपील की थी कि वह आंदोलन खत्म करके बातचीत के जरिए समस्याओं को सुलझाएं यही बेहतर होगा, लेकिन इस अपील का किसानों पर असर होता नहीं दिख रहा है।

किसान संगठन अपने आंदोलन का दायरा बढ़ाने की योजनाओं में जुटे हुए हैं। अब किसान संगठनों ने 18 फरवरी को 4 घंटे के लिए रेल रोको अभियान का ऐलान कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से डॉ दर्शन पाल ने इस संबंध में बयान जारी किया। किसानों ने 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों की याद में मोमबत्ती मार्च निकालने का भी ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी 1 सप्ताह लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जाएगा। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने 3 घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था। दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।