गढ़वाल-राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारियों की निकली फर्जी डीग्री, अब हुए निलंबित

रूद्रप्रयाग में 11 फर्जी अध्यापकों पर एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया है। अध्यापकों के पास बीएड की फर्जी डिग्री थी एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कर फर्जी अध्यापकों को निलंबित कर दिसा है उनमें से छः के खिलाफ निदेशालय से आदेश आते ही कार्यवाही की जायेगी में बीएड की फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने के मामले
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गढ़वाल-राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारियों की निकली फर्जी डीग्री, अब हुए निलंबित

रूद्रप्रयाग में 11 फर्जी अध्यापकों पर एसआईटी ने मुकदमा दर्ज किया है। अध्यापकों के पास बीएड की फर्जी डिग्री थी एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कर फर्जी अध्यापकों को निलंबित कर दिसा है उनमें से छः के खिलाफ निदेशालय से आदेश आते ही कार्यवाही की जायेगी में बीएड की फर्जी डिग्री से नियुक्ति पाने के मामले में एसआईटी की गिरफ्त में आए रुद्रप्रयाग के 11 शिक्षकों में से पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। वहीं, छह के खिलाफ निदेशालय से लिखित आदेश मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। कुछ महीने पहले एसआईटी के प्रभारी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी उसी टीम ने फर्जी डिग्री के मामले में रुद्रप्रयाग जनपद के 11 शिक्षकों को पकड़ा था।

गढ़वाल-राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे कर्मचारियों की निकली फर्जी डीग्री, अब हुए निलंबित

एसआईटी द्वारा इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इन सभी शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी में कुछ साल पहले अपनी बीएड की डिग्री जमा कराई थी, लेकिन यूनिवर्सिटी में इनकी डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके चलते इनकी डिग्री को फर्जी करार दे दिया गया। यूनिवर्सिटी ने सात और शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के बारे में जानकारी मांगी पिछले एक महीने पहले निदेशालय स्तर पर फर्जी डिग्री से नियुक्ति के मामले में पकड़े गए इन शिक्षकों के खिलाफ पत्रावलियां तैयार की जा रही हैं। अब पांच शिक्षक कांति प्रसाद भट्ट, माया बिष्ट, विजय सिंह, राकेश सिंह और महेंद्र सिंह के खिलाफ विभाग ने जरूरी कार्रवाई पूरी करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

डीईओ बेसिक डाॅ. विद्याशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि शेष छह शिक्षकों के मामले में निदेशालय से लिखित आदेश प्राप्त होते ही कानूनी कार्रवाई के साथ निलंबन की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।इधर, सूत्रों की मानें तो शिक्षा निदेशालय ने जनपद से सात और शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के बारे में भी जानकारी मांगी है। विभाग द्वारा संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से जानकारी मांगी जा रही है। बताया जा रहा है कि बीएड की फर्जी डिग्री समेत अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्रों के मामले में ये शिक्षक शक के दायरे में हैं।