झांसी निवासी राजीव के मोबाइल नंबर से आई थी आईजी राजेश पांडे को फर्जी कॉल, ऐसे हुई पहचान

न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। कानून मंत्री बृजेश पाठक के नाम से आईजी रेंज बरेली राजेश पांडे को फोन करने वाले की पहचान हो गई है। झांसी निवासी राजीव के नाम से सिम अलॉट है। मामले की जांच के लिए कोतवाली पुलिस की एक टीम झांसी रवाना हो गई है। वाकया सोमवार दोपहर का है। आईजी
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झांसी निवासी राजीव के मोबाइल नंबर से आई थी आईजी राजेश पांडे को फर्जी कॉल, ऐसे हुई पहचान

न्यूज टुडे नेटवर्क, बरेली। कानून मंत्री बृजेश पाठक के नाम से आईजी रेंज बरेली राजेश पांडे को फोन करने वाले की पहचान हो गई है। झांसी निवासी राजीव के नाम से सिम अलॉट है। मामले की जांच के लिए कोतवाली पुलिस की एक टीम झांसी रवाना हो गई है।

वाकया सोमवार दोपहर का है। आईजी राजेश पांडे अपने ऑफिस में फरियादियों की समस्याएं सुन रहे थे। इस बीच उनके मोबाइल पर विधि न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवाएं मंत्री बृजेश पाठक के नाम से एक कॉल आई। ट्रूकॉलर आईडी पर भी कानून मंत्री का नाम लिखा था। फोन करने वाले ने कहा कि कानून मंत्री आपसे बात करना चाहते हैं।

इसके कुछ देर बाद कानून मंत्री बनकर एक युवक बात करने लगा। उसने पूछा कि आईजी रेंज बरेली राजेश पांडे बोल रहे हैं। दोनों में बातचीत हुई। इसके बाद कानून मंत्री ने उनसे एक दरोगा की पोस्टिंग को लेकर बात की लेकिन बातचीत के लहजे के आधार पर आईजी राजेश पांडे ने उन्हें पहचान लिया। बातचीत के दौरान ही आईजी ने कहा कि आप कानून मंत्री नहीं बोल रहे हैं। आप झूठ बोल रहे हैं। इसके बाद धोखेबाज ने कड़क आवाज में उन्हें बरगलाने की कोशिश की और बाद में फोन काट दिया।

आईजी ने ऐसे पहचान लिया आरोपी को

असल में आईजी राजेश पांडे व कानून मंत्री बृजेश पाठक एक-दूसरे से लंबे समय से परिचित हैं जब लखनऊ एसएसपी, एसपी सिटी रहे तब उनकी काफी बातचीत होती रही। बृजेश बरेली के प्रभारी मंत्री भी रहे हैं। इस कारण आईजी राजेश पांडे व कानून मंत्री के बीच काफी बातचीत होती रही। असल में कानून मंत्री राजेश पांडे को राजेश भैया कहकर संबोधित करते हैं। यही वजह रही कि आवाज को आईजी राजेश पांडे ने पहचानने में जरा भी देर नहीं की।