Exclusive -इस अस्पताल ने सरकार के वादों की खुली पोल ,ऐसा क्या हो रहा है अस्पताल में पढ़िए खबर

रिपोर्ट -अर्जुन कुमार
सूबे की स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लाख दावे करने बाली सरकार के दावे एक सफेद हाथी बन कर रह गए है। जिले के मुख्यालय रुद्रपुर का सरकारी अस्पताल जवाहरलाल नेहरू अपनी बदहाली पर आंसू वहा रहा है
जिसकी सुध लेने बाला कोई नही है। इतना ही नही बल्कि हॉस्पिटल में मरीज अपनी बेड़ो की व्यवस्था खुद ही करने पर मजबूर हैं। अपने अपने घरों से चारपाई ला कर उस पर अपने मरीजो को सुरक्षित कर रहें है। स्वास्थ्य महकमा बेखर है।

अस्पताल एक तरफ डेंगू लगातार अपने पांव पसार रहा है, तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के दावों की कलई खुलने लगी है। जिला अस्पताल में हालात कुछ ऐसे हैं कि मरीजों के साथ—साथ उनके तीमारदारों को भी अव्यवस्थाओं से रूबरू होना पड़ रहा है। तेजी से पांव पसार चुके डेंगू एवं वायरल फीवर के चलते जिला अस्पताल में आजकल मरीजों की भारी भींड़ उमड़ रही है,

1 हाथ धोने के लिए परेशान मरीज
लेकिन मरीजों की संख्या के चलते जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी के अलावा इमरजेंसी में भी मरीज फर्श पर लेटने को मजबूर हैं।
यहीं पर कर दो मेरा इलाज
इतना ही नहीं जिलाअस्पताल से सफाई व्यवस्था के हाल किसे से छिपे नही है। पानी की व्यवस्था,से लेकर सभी जगह बुरा हाल है अस्पताल के शौचालय में कूड़े के ढेर लगे हैं । पानी की व्यवस्था पूरी तरह से ठप है । शौचालय में अस्पताल का कूड़ा फेंक रहे कर्मचारी ,भर्ती मरीजों को अस्पताल से ही बीमारियों का खतरा बना हुआ है ।
अस्पताल दे रहा है बीमारियों को बढ़ावा
अस्पताल कर्मियों की लापरवाही भरे व्यवहार से रोगियों के तीमारदारों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को सही तरह से देखने के बजाय कई बार तो डॉक्टर चंद मिनटों में ही उन्हें हायर सेंटर रेफर करने की सलाह देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
कब करोगे मुझे भर्ती
जहां एक तरफ राज्य सरकार अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है तो वहीं जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज राम भरोसे सही होने की ही उम्मीद कर रहे है यह सब देख कर ऐसा लगता है कि सरकार और स्वस्थ विभाग सोया हुआ है