आज भी सुरक्षित रखा हुआ है यहां रावण का शव, नहीं किया गया था रावण का अंतिम संस्कार

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : रावण भले ही एक ब्राह्मण हो लेकिन उसे बुराई का प्रतिक माना जाता है। भगवान राम ने सीता माता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए उसका वध कर दिया था। लंका में आज भी रामायण से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जो बीते हुए रामायण काल के इतिहास
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आज भी सुरक्षित रखा हुआ है यहां रावण का शव, नहीं किया गया था रावण का अंतिम संस्कार

नई दिल्ली-न्यूज टुडे नेटवर्क : रावण भले ही एक ब्राह्मण हो लेकिन उसे बुराई का प्रतिक माना जाता है। भगवान राम ने सीता माता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए उसका वध कर दिया था। लंका में आज भी रामायण से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जो बीते हुए रामायण काल के इतिहास की गवाही देते हैं। मान्यता है कि नवरात्र के दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए इस विजयदशमी मनाई जाती है। इसके ठीक 20 दिन बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे तब दीवाली मनाई गई थी।

आज भी सुरक्षित रखा हुआ है यहां रावण का शव, नहीं किया गया था रावण का अंतिम संस्कार

श्रीलंका रैगला के जंगलों के बीच है मौजूद

बता दें कि एक रिसर्च में श्रीलंका में 50 ऐसे स्थल खोजने का दावा किया गया है जिनका संबंध रामायण से है। इसी में निकलकर आया है कि रावण का शव एक गुफा में रखा गया था। जो श्रीलंका रैगला के जंगलों के बीच मौजूद है। श्रीलंका का इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर ये खोज की थी। आइए जानते हैं इस गुफा के बारे में…

आज भी सुरक्षित रखा हुआ है यहां रावण का शव, नहीं किया गया था रावण का अंतिम संस्कार

रावण की गुफा 8 हजार फुट की ऊंचाई पर है स्थित

विभिषण को लंकाधिपति रावण का शव सौंपे जाने के बाद रावण का अंतिम संस्कार हुआ भी था या नहीं इस बात को शायद कोई नहीं जानता है। दावा है कि यहां रावण की गुफा है, जहां उसने तपस्या की थी। उसी गुफा में आज भी रावण का शव सुरक्षित रखा हुआ है। रैगला के इलाके में रावण की यह गुफा 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

आज भी सुरक्षित रखा हुआ है यहां रावण का शव, नहीं किया गया था रावण का अंतिम संस्कार

रावण ने यहां रखा था सीता को

अशोक वाटिका वो जगह है जहां रावण ने माता सीता को रखा था। आज इस जगह को सेता एलीया के नाम से जाना जाता है, जो की नूवरा एलिया नामक जगह के पास स्थित है। यहां आज सीता का मंदिर है और पास ही एक झरना भी है। इस झरने के आसपास की चट्टानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं।