हैप्पीनेस करिकुलम की समझ विकसित करने के लिए 5000 शिक्षकों से संवाद

नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। हैप्पीनेस करिकुलम पर 5000 शिक्षकों से संवाद किया गया है। हैप्पीनेस करिकुलम छात्रों की समझ को विकसित करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक व्यस्क होने पर हम रोजाना अपनी जिंदगी में कुछ चुनौतियों का सामना करते हैं कि परिवार में हमारे संबंध कैसे होने चाहिए, अपने से छोटों और बड़ों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए तनाव पर काबू कैसे किया जाए। स्कूली शिक्षा के दौरान इसके विषय में कभी कोई बात नहीं की जाती है। दिल्ली के बच्चों को भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना न करना पड़े और वो रोजमर्रा के जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें इसके लिए हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की गई है।
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नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। हैप्पीनेस करिकुलम पर 5000 शिक्षकों से संवाद किया गया है। हैप्पीनेस करिकुलम छात्रों की समझ को विकसित करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक व्यस्क होने पर हम रोजाना अपनी जिंदगी में कुछ चुनौतियों का सामना करते हैं कि परिवार में हमारे संबंध कैसे होने चाहिए, अपने से छोटों और बड़ों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए तनाव पर काबू कैसे किया जाए। स्कूली शिक्षा के दौरान इसके विषय में कभी कोई बात नहीं की जाती है। दिल्ली के बच्चों को भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना न करना पड़े और वो रोजमर्रा के जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें इसके लिए हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत की गई है।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों के लिए हैप्पीनेस करिकुलम के उद्देश्यों को समझाने के लिए 5 दिवसीय ट्रेनिंग शिविर का आयोजन किया गया है।

इस पांच दिवसीय शिविर में दिल्ली सरकार के स्कूलों के लगभग 5000 शिक्षकों ने भाग लिया। रविवार को शिक्षा मंत्री आतिशी इसमें शामिल हुईं और शिक्षकों से ट्रेनिंग के दौरान के उनके अनुभवों को जाना।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अबतक की शिक्षा प्रणाली में बच्चों को विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं। शिक्षा व्यवस्था का पूरा फोकस बच्चों को एक अच्छा प्रोफेशनल बनाना होता है। 14-15 साल की स्कूली शिक्षा और उसके बाद उच्च शिक्षा के दौरान बच्चे जो कुछ पढ़ते हैं, उसका वास्तविक जीवन में कितना इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में उन चीजों पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया, जिनकी जरूरत हमें अपने रोजमर्रा की जिंदगी में होती है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज से लगभग 5 साल पहले इस करिकुलम की शुरुआत हुई और मुझे खुशी हो रही है कि इसे सफलता मिल रही है। हमारे शिक्षक और बच्चे अपने जीवन के असल मकसद को समझ रहे है। उन्होंने कहा कि हम गणित, अंग्रेजी, इतिहास सब सीख सकते हैं, लेकिन उससे पहले ये सीखना जरुरी है कि हमें एक अच्छा इन्सान कैसे बनना है और इस दिशा में हैप्पीनेस करिकुलम के अंतर्गत आने वाले जीवन विद्या जैसे ट्रेनिंग सत्र ने हमारे शिक्षकों की बड़ी मदद की है। इससे मिली लर्निग के द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में हमारे शिक्षकों ने बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाना अपनी पहली प्राथमिकता बना ली है। इस दिशा में माइंडफुलनेस-मेडीटेशन और हैप्पीनेस को समझने का ये शिविर शिक्षकों को अपने क्लासरूम के बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसजीके

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