ना भूले है, ना माफ करेंगे: पुलवामा की दूसरी बरसी पर जम्‍मू बस स्‍टैण्‍ड पर हमले की साजिश नाकाम 7 किलो आईईडी के साथ 1 गिरफतार

न्यूज टुडे नेटवर्क। पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर सुरक्षाबलों ने बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम किया है। जम्मू बस स्टैंड से सुरक्षाबलों ने रविवार को करीब 7 किलो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद की। सुरक्षाबलों ने पूरे बस स्टैंड पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान के र्स्पोट वाले आतंकी संगठन
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ना भूले है, ना माफ करेंगे: पुलवामा की दूसरी बरसी पर जम्‍मू बस स्‍टैण्‍ड पर हमले की साजिश नाकाम 7 किलो आईईडी के साथ 1 गिरफतार

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर सुरक्षाबलों ने बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम किया है। जम्मू बस स्टैंड से सुरक्षाबलों ने रविवार को करीब 7 किलो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद की। सुरक्षाबलों ने पूरे बस स्टैंड पर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान के र्स्‍पोट वाले आतंकी संगठन अल बद्र ने पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर बम ब्लास्ट की साजिश रची थी। जम्मू पुलिस के IG मुकेश सिंह ने बताया कि पिछले 3 दिन से पुलिस अलर्ट पर थी। जानकारी मिली थी कि पुलवामा हमले की बरसी पर आतंकी संगठन कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहे है।

IG ने बताया कि शनिवार रात हमने गश्त के दौरान सोहेल नाम के शख्स को अरेस्ट किया। उसके बैग से 6.5-7  किलो IED बरामद हुई। यह एक्टिव नहीं थी। सोहेल ने बताया कि वह चंडीगढ़ में पढ़ता है और पाकिस्तान में मौजूद अल बद्र के निर्देश पर IED प्लांट करने आया था।

पुलिस के मुताबिक, सोहेल को IED प्लांट करने के लिए 3-4 टारगेट दिए गए थे। उसे रघुनाथ मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और लखदाता बाजार में से किसी एक जगह पर विस्फोटक रखना था।

इसके बाद वह फ्लाइट से श्रीनगर चला जाता। वहां अल बद्र का अख्तर शकील खान नाम का एक ग्राउंड वर्कर उसे रिसीव करता। इसके बाद सोहेल उसके साथ एक्टिव हो जाता। साजिश की जानकारी चंडीगढ़ के एक युवक काजी वसीम को थी उसे भी पकड़ लिया गया है।

आतंकियों के एक और साथी आबिद नबी को भी अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा शनिवार देर रात सांबा के झांग से 6 पिस्टल और 15 छोटे IED भी बरामद किए गए हैं। इसकी जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि कुछ अरसे से कश्मीर में नए आतंकी संगठन बने हैं। इनमें TRF लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट है। पिछले कुछ वक्त से लश्कर अपनी सभी साजिशों को TRF के नाम से ही अंजाम देता आ रहा है।

जैश का नया संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा अगस्त 2020 से एक्टिव है। अनंतनाग पुलिस ने दोनों संगठनों का खुलासा किया था। दोनों के चीफ कमांडर को पकड़ा लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, लश्कर-ए-मुस्तफा का चीफ हिदायतुल्ला मलिक काफी समय से एक्टिव था। वह जम्मू में अपना अड्‌डा तैयार करने की फिराक में था। उसने पाकिस्तान से आने वाले हथियार रिसीव करने के लिए नेटवर्क बनाया था। वहीं, पंजाब के साथियों के साथ उसने बिहार से हथियार मंगाने के लिए भी नेटवर्क बनाया था। अब तक वहां से 7 से ज्यादा पिस्टल लाए जा चुके हैं।

एक नेटवर्क बनाकर उसमें पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी नौजवानों को शामिल किया गया। जरूरत पड़ने पर हथियार लाने में उनका भी इस्तेमाल किया। IED प्लांट करने वाला युवक भी पंजाब में पढ़ रहा था। उसके साथियों के जरिए छपरा से 7 पिस्टल मंगवाए गए। जैश-ए-मोहम्मद 2018 में कई आतंकी घटनाओं में शामिल था। तब आशिक नेंद्रू नाम का कश्मीरी शख्स टनल के जरिए पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को रिसीव करता था। दिसंबर 2019 में टनल से ही आशिक परिवार के साथ पाकिस्तान चला गया। वह वहीं से पाकिस्तानी एजेंसियों की शह पर लोकल आतंकियों को निर्देश दे रहा है।

14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने CRPF के जवानों के काफिले पर हमला कर दिया था। इसमें एक बस को बम से उड़ा दिया था। हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले को जैश ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर अंजाम दिया था। NIA ने 19 लोगों को इस हमले की साजिश रचने का आरोपी बनाया था, जिनमें से 6 को सेना ने मुठभेड़ में मार गिराया।

पुलवामा हमले के 12 दिन के अंदर ही इंडियन एयरफोर्स ने इस घटिया हमले बदला लिया। एयरफोर्स ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। दावा है कि इस कार्रवाई में 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।

पाकिस्तान में बैठे हैंडलर इलियास डॉक्टर के कहने पर दिल्ली में NSA अजीत डोभाल के ऑफिस की रेकी की गई थी। 6 फरवरी को पकड़े गए हिदायतुल्ला से इसका पता चला। नवंबर 2020 में शोपियां में हुई बैंक लूट की वारदात में हिदायुल्ला भी शामिल था। पुलिस ने बताया कि 12 और 13 फरवरी की रात जहूर नाम के आतंकी को सांबा से पकड़ा गया था।