ग्रामीणों के लिए आई सरकार की इस योजना से ग्राम प्रधान भी हैं अनजान, कहां गए सरकार के 11 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता मिशन की बहन ग्रामीणों को कंप्यूटर-स्मार्टफोन और ऑनलाइन भुगतान की ट्रेनिंग (Training) दी जानी थी। इसके लिए बरेली में पीएमजी दिशा अभियान चलाया गया था। ग्रामीणों को डिजिटल साक्षर (Digital Literacy) करने का अभियान गांव नहीं पहुंचा वल्कि कार्यक्रम के लिए खर्च किए गए 11 करोड़ रुपये हजम कर लिए गए।
 | 
ग्रामीणों के लिए आई सरकार की इस योजना से ग्राम प्रधान भी हैं अनजान, कहां गए सरकार के 11 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता मिशन की बहन ग्रामीणों को कंप्यूटर-स्मार्टफोन और ऑनलाइन भुगतान की ट्रेनिंग (Training) दी जानी थी। इसके लिए बरेली में पीएमजी दिशा अभियान चलाया गया था। ग्रामीणों को डिजिटल साक्षर (Digital Literacy) करने का अभियान गांव नहीं पहुंचा वल्कि कार्यक्रम के लिए खर्च किए गए 11 करोड़ रुपये हजम कर लिए गए।
ग्रामीणों के लिए आई सरकार की इस योजना से ग्राम प्रधान भी हैं अनजान, कहां गए सरकार के 11 करोड़ रुपयेसरकार की ओर से जिले की सभी 1,193 ग्राम पंचायतों से प्रत्येक गांव के 300 सदस्यों को डिजिटल साक्षर करने की टारगेट दिया गया था। सरकार ने दिया था। इसकी जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centre) को सौंपी गई थी। सीएससी ऑपरेटर को एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर करने के बदले सरकार ने 300 रुपये का भुगतान किया है।

http://www.narayan98.co.in/

ग्रामीणों के लिए आई सरकार की इस योजना से ग्राम प्रधान भी हैं अनजान, कहां गए सरकार के 11 करोड़ रुपये

https://youtu.be/yEWmOfXJRX8

सीएससी ऑपरेटरों (CSC Operator) ने इसमें सरकार को करीब 11 करोड़ रुपये की चपत लगाई है  है। बीते दो साल में गांव में प्रशिक्षण का कोई अभियान नहीं चला है। आम आदमी से लेकर ग्राम प्रधान अब तक पीएमजी दिशा अभियान (PMG Disha Abhiyan) से अनजान हैं। जबकि सीएससी अधिकारी इसे पूरा करने का दावा कर रहे हैैं।