Har Ghar Tiranga - आजादी का अमृत महोत्सव मनाने से पहले जानें झंडा फहराने से जुड़ी बातें, नोट कर लें नेशनल फ्लैग से जुड़े नियम और कोड 
 

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Har Ghar Tiranga - इस बार भारत सरकार (Indian Government) आजादी का अमृत महोत्सव  (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रही है. ये अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) के 75 वर्ष पूरे होने पर धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान चलाया है जिसके तहत देश के हर घर में तिरंगा (Har Ghar Tiranga Campaign) फहराए जाने की योजना है. सरकार के इस अभियान का हिस्सा हर नागरिक को बनना चाहिए लेकिन उससे पहले तिरंगे से जुड़े नियम कायदे और कानून के बारे में भी जान लेना चाहिए जिससे हमारे तिरंगे का अपमान न हो. हर भारतीय बड़े गर्व के साथ अपने देश का झंडा फहराता है. तिरंगा (Tricolour) भारत (India) की आन बान और शान है. 

 


राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने हर भारतीय के लिए गर्व की बात होती है. ऐसे में तिरंगा फहराने और इसे रखने को लेकर नियम भी बनाए गए हैं और कोड भी हैं. तो आज यहां तिरंगे से जुड़े नियम और कोड के बारे में भी जानकारी देने की कोशिश की जाएगी. राष्ट्रीय ध्वज फहराने के भी नियम और कायदे होते हैं. दरअसल, राष्ट्रीय ध्वज फहराने और इसका इस्तेमाल करने को लेकर एक ध्वज संहिता बनाई गई है. ये कानून ही तिरंगा फहराने के नियम-कायदे निर्धारित करता है. सबसे पहले ये जान लेते हैं कि तिरंगे को लेकर किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए.

 


तिरंगे को लेकर इन बातों का रखें ध्यान।
तिरंगा, राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक है और राष्ट्रीय प्रतीक का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. भारत में भारतीय ध्वज संहिता यानी फ्लैग कोड ऑफ इंडिया नाम का एक कानून है. इस कानून में तिरंगे को फहराने को लेकर नियम तय किए गए हैं. इन नियमों को उल्लंघन करने वालों को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए. इसके अलावा तिरंगे को किसी की पीठ की तरफ नहीं फहराया जा सकता. झंडे का आकार आयताकार नहीं होना चाहिए इसकी लंबाई 3 अनुपात 2 की होनी चाहिए. इसके साथ ही केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडे का लगाया या फहराया नहीं जा सकता. झंडे को कभी भी आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों पर जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी नहीं किए गए हों.

इन चीजों की मनाही है। 
झंडे पर कुछ भी लिखना, बनाना या विलोपित करना गैरकानूनी है.
किसी गाड़ी के पीछे, प्लेन में या जहाज में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता.
किसी सामान या बिल्डिंग बगैरह को ढकने में तिरंगे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए.
तिरंगे को किसी भी प्रकार की यूनिफॉर्म या सजावट के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.
किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते.
झंडे को कभी भी पानी में नहीं डुबोया जा सकता. इसको कभी भी फिजिकल डैमेज नहीं पहुंचा सकते.
झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए. 


तिरंगे को लेकर नियम और कोड, रात में भी फहराता रहेगा तिरंगा। 
इंडियन फ्लैग कोड (Flag Code, 2002) के मुताबिक नेशनल फ्लैग तिरंगा को केवल दिन में ही फहराने की अनुमति थी. शाम होने के साथ ही इसे उतार लिया जाता था. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान के लिए फ्लैग कोड के नियमों में बदलाव किया है, जिसके मुताबिक अब दिन और रात दोनों में तिरंगा झंडा फहराया जा सकता है. इसके लिए 20 जुलाई, 2022 को भारतीय झंडा संहिता 2002 में संशोधन किया गया है. पहले तिरंगा सिर्फ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता था लेकिन अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है. पहले मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने ध्वज की अनुमति नहीं थी लेकिन अब कपास, पॉलिएस्टर, ऊन और रेशमी खादी से बने ध्वज को फहराने की अनुमति दे दी गई है. 


किन गाड़ियों पर लग सकता है तिरंगा। 
कई सारे लोग अपनी गाड़ियों पर भी तिरंगा झंडा लगाकर घूमते दिख जाते हैं. आपको बता दें कि ऐसा करने पर आपको सजा भी हो सकती है. इंडियन फ्लैग कोड के मुताबिक कुछ विशेष लोगों को ही अपनी गाड़ी पर झंडा लगाने की अनुमति होती है. इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, एमपी एमलए जैसे जन प्रतिनिधि, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और विदेश में पोस्टेड हाई कमीशन या उसके समकक्ष के अधिकारियों को ही अपनी गाड़ी पर झंडा लगाने की अनुमति होती है. 
 

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