साइबर ठगों ने पेंशनरों को बनाया निशाना, अधिकारियों ने जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। साइबर जालसाजों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाने और उनकी गाढ़ी कमाई को ठगने का नया तरीका खोजा है।
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साइबर ठगों ने पेंशनरों को बनाया निशाना, अधिकारियों ने जारी किया अलर्ट नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। साइबर जालसाजों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाने और उनकी गाढ़ी कमाई को ठगने का नया तरीका खोजा है।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के तहत केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय ने बताया कि साइबर धोखेबाज पेंशनभोगियों (पेंशनरों) को अपना डेटा प्राप्त करके अपने जीवन प्रमाण पत्र को अपडेट करने के लिए कह रहे हैं, और पेंशनभोगियों को धोखाधड़ी कॉल से सावधान रहने के लिए सतर्क किया है। हाल ही में जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है- कार्यालय के संज्ञान में आया है कि साइबर अपराधी पेंशनभोगियों को अपने जीवन प्रमाण पत्र को अपडेट करने के लिए नियुक्ति की तारीख, सेवानिवृत्ति की तारीख, पीपीओ नंबर, आधार संख्या, ई-मेल, पता, मासिक पेंशन, नामांकित व्यक्ति आदि के रूप में अपना डेटा प्राप्त करने के लिए कहते हैं।

पत्र में कहा गया है कि धोखेबाज पेंशनभोगियों को अपने डेटा के साथ बुलाते हैं ताकि उन्हें यह विश्वास दिलाया जा सके कि वह पेंशन विभाग से कॉल कर रहे हैं और पेंशनभोगियों से अपने जीवन प्रमाण पत्र को अपडेट करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। एक बार जब उन्हें पेंशनभोगियों से ओटीपी प्राप्त हो जाता है, तो धोखेबाज उनके बैंक खातों तक सीधे पहुंच जाते हैं और पेंशनभोगियों के खाते से राशि को धोखाधड़ी वाले खाते में स्थानांतरित कर देते हैं।

इस संबंध में, सभी पेंशनभोगियों को इस प्रकार की धोखाधड़ी कॉल से सावधान रहने के लिए आगाह किया जाता है और सूचित किया जाता है कि सीपीएओ की ओर से कोई भी व्यक्ति पेंशनरों को कोई विवरण पूछने या ओटीपी साझा करने के लिए नहीं कहता है। इसलिए, सभी पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए पेंशन के लिए किसी भी अपडेशन के लिए ओटीपी या कोई अन्य विवरण आदि साझा न करें।

जबकि पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियां ऐसे साइबर जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई करती रहती हैं, और साइबर ठग भोले-भाले लोगों को निशाना बनाने के लिए नए तरीके अपनाते हैं। जैसे, पिछले कुछ महीनों में, कई उपयोगकर्ताओं को अज्ञात नंबरों से एसएमएस के माध्यम से संदेश प्राप्त हो रहे हैं, जो दावा करते हैं कि उपयोगकर्ता के बिजली, टेलीफोन या अन्य कनेक्शन तब तक काट दिए जाएंगे जब तक कि वह एक निश्चित नंबर पर संपर्क नहीं करते।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम

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