सशस्त्र बल 23-24 जनवरी को आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का मनाएंगे

नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस समारोह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति तथा जनजातीय नृत्य महोत्सव आदि शौर्य - पर्व पराक्रम का 23 एवं 24 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। ग्रैंड फिनाले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति भी होगी। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में इस शानदार कार्यक्रम के साक्षी बनने के इच्छुक लोग बुक माय शो डॉट कॉम के माध्यम से अपने मुफ्त टिकट बुक कर सकते हैं।
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सशस्त्र बल 23-24 जनवरी को आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का मनाएंगे नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। गणतंत्र दिवस समारोह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति तथा जनजातीय नृत्य महोत्सव आदि शौर्य - पर्व पराक्रम का 23 एवं 24 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। ग्रैंड फिनाले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति भी होगी। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में इस शानदार कार्यक्रम के साक्षी बनने के इच्छुक लोग बुक माय शो डॉट कॉम के माध्यम से अपने मुफ्त टिकट बुक कर सकते हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती जिसे पराक्रम दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है, उसी दिन 23 जनवरी को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में यह कार्यक्रम शुरू होगा और 24 जनवरी को भी जारी रहेगा। सशस्त्र बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति तथा जनजातीय नृत्य शैली की विषयवस्तु पर आधारित इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान पर प्रकाश डालना है।

रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल समन्वयक की भूमिका निभा रहा है।

इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए प्रारंभिक अभ्यास सत्र 10 जनवरी को शुरू हुआ था और सेना के ड्रम्स तथा ट्रम्पेट्स की गूंज ने हमारे देश की अनूठी सांस्कृतिक प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करने व एक भारत - श्रेष्ठ भारत की भावना को उत्साह देने के लिए पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के लिए मंच तैयार किया है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लगभग 1200 से अधिक कलाकार प्रत्येक दिन रिहर्सल में अपने प्रदर्शन को और बेहतर बना रहे हैं, जिसमें प्रत्येक समूह अपनी अनूठी और रंगीन वेशभूषा, हेडड्रेस, संगीत वाद्ययंत्र तथा लयबद्ध नृत्य बीट्स के साथ भारतीयता के एक अंश को जीवंत कर रहा है।

मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले पारंपरिक नृत्य में गौर मारिया, गद्दी नाटी, सिद्दी धमाल, बैगा परधोनी, पुरुलिया, बगुरुं बा, घुसाड़ी, बाल्टी, लम्बाडी, पाइका, राठवा, बूदीगली, सोंगीमुखवाते, कर्मा, मंघो, का शाद मस्तीह कुम्मीकली, पलैयार, चेराव और रेखम पाड़ा शामिल हैं। इन कार्यक्रमों एवं समूहों का समन्वय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

भारतीय सेना पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, खुकुरी डांस, गतका, मल्लखंब, कलरीपयट्टू, थांग-टा, मोटरसाइकिल डिस्प्ले, एयर वारियर ड्रिल, नेवी बैंड और मार्शल आर्ट के जरिए इस आयोजन में अपना कौशल पेश करने के लिए भागीदारी कर रही है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसजीके

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