वकिर्ंग प्रोफेशनल के लिए आईआईटी का एआर- वीआर में एमटेक प्रोग्राम, 10 जून आखरी तारीख
आईआईटी ने बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उभरती एआर और वीआर प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित कामकाजी जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए, आईआईटी जोधपुर और टीआईएच आईहब ²ष्टि फाउंडेशन अंशकालिक एमटेक प्रदान कर रहा है। किसी भी विषय में बीई, बी.टेक, एमसीए व एम.एससी डिग्री के वाले पेशेवर इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। यह आईआईटी जोधपुर के स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम का दूसरा बैच होगा।
कार्यक्रम कामकाजी व्यक्तियों को एआर-वीआर टेक्नोलॉजीज में एक ऑफ-कैंपस एमटेक करने का अवसर प्रदान करता है, जिसमें प्रति सेमेस्टर 15 दिनों ऑन-कैंपस ट्रेनिंग मैंडेट है। कार्यक्रम की न्यूनतम अवधि दो शैक्षणिक वर्ष है, जहां एक छात्र को 60 क्रेडिट पूरा करने की आवश्यकता होती है। पाठ्यक्रम का नेतृत्व विभिन्न आईआईटी और उद्योग विशेषज्ञों के संकाय सदस्यों द्वारा किया जाएगा। उम्मीदवारों का चयनप्रवेश समिति द्वारा उपयुक्त माने जाने वाले मानदंडों के आधार पर होगा। एआर और वीआर से संबंधित क्षेत्रों में पूर्व अनुसंधान प्रदर्शन या उद्योग के अनुभव को प्लस माना जाएगा।
इस कोर्स की कुछ मुख्य विशेषताएं यह है कि कार्यक्रम छात्रों को एआर और वीआर अनुप्रयोगों के डिजाइन और मॉडलिंग में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों के बारे में ज्ञान से लैस करेगा, जिससे उन्हें इमर्सिव अनुभव बनाने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम एआर और वीआर सिस्टम की बढ़ती मांगों को पूरा करने वाले तकनीकी समाधान तैयार करने की क्षमता को बढ़ावा देगा।
कामकाजी पेशेवरों के लिए इस कोर्स के महत्व के बारे में बात करते हुए आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी ने कहा, ह्लएआर और वीआर के प्रभावशाली तकनीकों के रूप में उभरने के साथ, यह अभिनव कार्यक्रम, आईआईटी जोधपुर द्वारा अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। उद्योग के पेशेवरों सहित पैन आईआईटी के विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य एक व्यापक और अनुभवात्मक सीखने का माहौल प्रदान करना है, व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रक्षा, विपणन, खुदरा, इंजीनियरिंग, मनोरंजन जैसे विविध अनुप्रयोगों के लिए बुद्धिमान और इमर्सिव सिस्टम डिजाइन करने के लिए सशक्त बनाना है।
डॉ. अमित भारद्वाज, पाठ्यक्रम समन्वयक, एआर-वीआर, आईआईटी जोधपुर में एम.टेक, ने कहा, व्याख्यान एक ऑनलाइन मोड में होंगे, और छात्र एक तुल्यकालिक ऑडियो-विजुअल मोड में भाग लेंगे। व्याख्यान के दौरान छात्र बातचीत कर सकते हैं और प्रश्न पूछ सकते हैं। रिकॉर्डेड व्याख्यान और शिक्षण सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रेडिंग पूरे सेमेस्टर, परियोजनाओं और परीक्षाओं में निरंतर मूल्यांकन घटकों पर आधारित होगी।
--आईएएनएस
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