लेखिका अरुंधति रॉय की मां का निधन
यह रॉय की 39 साल पुरानी कानूनी लड़ाई थी जिसने 1916 के पुरातन त्रावणकोर ईसाई उत्तराधिकार अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले का नेतृत्व किया, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि सभी ईसाई महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में समान हिस्सा मिले।
1933 में एक सीरियाई ईसाई परिवार में जन्मी रॉय पी.वी. इसहाक की बेटी थी, जो इंग्लैंड में कार्यरत थे।
रॉय की शिक्षा दिल्ली और चेन्नई में हुई और शादी टूटने के बाद वह कोट्टायम लौट आईं।
उन्होंने चेन्नई के क्वीन्स मैरी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।
उनकी शादी टूटने के बाद, रॉय ने पढ़ाना शुरू किया और कोट्टायम लौट आई और 1961 में अपना खुद का स्कूल शुरू किया, जिसे पल्लीकूडम के नाम से जाना जाता है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अथक प्रयास किया और उनकी जीती हुई कानूनी लड़ाई को हमेशा याद किया जाएगा।
दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं ओमन चांडी ने कहा कि उन्हें ईसाई महिलाओं को उनके द्वारा स्थापित स्कूल के अलावा उनकी पारिवारिक संपत्ति में हिस्सा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
--आईएएनएस
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