रेबीज से बछड़े की मौत के बाद तेलंगाना के गांव में दहशत
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स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को चिंतालमनेपल्ली मंडल मुख्यालय में 300 लोगों को एंटी-रेबीज टीके लगाए।
पागल कुत्ते द्वारा काटे गए मां भैंस का दूध पीने के बाद बछड़े की मौत के बाद टीका शिविर लगाया गया।
ग्रामीणों के मुताबिक कुछ दिन पहले एक डेयरी किसान की भैंस को कुत्ते ने काट लिया था लेकिन उसने एंटी रेबीज का टीका नहीं लगाया था।
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किसान ग्रामीणों को भैंस के दूध की आपूर्ति करता रहा। इसी बीच भैंस की मां के दूध पर निर्भर एक बछड़ा मर गया।
इससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। वे ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचे।
गांव के अधिकारियों ने एक विशेष शिविर का आयोजन किया और सभी ग्रामीणों को टीका लेने के लिए कहा।
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राज्य के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों का आतंक पहले से ही बना हुआ है। तीन माह में चार बच्चों की जान जा चुकी है।
वारंगल जिले में शुक्रवार को आठ साल के एक बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मार डाला। वारंगल जिले में यह दूसरी घटना थी।
पिछले महीने आवारा कुत्तों के हमले में घायल हुए एक बच्चे की मौत हो गई थी।
हैदराबाद में 19 फरवरी को चार साल के बच्चे को आवारा कुत्तों के झुंड ने नोंच-नोंच कर मार डाला था।
खम्मम जिले में मार्च में पांच साल के एक बच्चे की रेबीज से मौत हो गई थी। उसे आवारा कुत्तों ने काटा था और बाद में रेबीज के लक्षण विकसित हुए।
--आईएएनएस
एकेजे