रक्षा उत्पादन विभाग ने क्वालिटी एश्योरेंस शुल्क खत्म किया
रक्षा मंत्रालय भारतीय रक्षा उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में और अधिक स्पर्धी बनाने के लिए अपने विभिन्न प्रूफ, टेस्टिंग प्रतिष्ठानों के माध्यम से उद्योग को उनके उत्पादों के लिए प्रूफ, टेस्टिंग सुविधा प्रदान करता है। एक्यू एजेंसियों द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार शुल्क लगाया जाता है तथा उद्योग इस शुल्क को उत्पादों की लागत में जोड़ता है, जो इसकी लागत स्पर्धा पर विपरीत प्रभाव डालता है, लेकिन अब इन शुल्कों को समाप्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय, सैन्य बलों को मजबूती देने के लिए लगातार आधुनिक स्वदेशी हथियारों व उपकरणों की खरीद कर रहा है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 70 बेसिक ट्रेनिंग विमानों को खरीदने का फैसला किया है। यह विमान एचटीटी-40 हैं, इन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) से 6,800 करोड़ रुपये में खरीदा जाना है। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने 3,100 करोड़ रुपए में 3 कैडेट प्रशिक्षण समुद्री जहाजों की खरीद के लिए लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड(एलएंडटी) के साथ अनुबंध किया है।
एचटीटी-40 एक ट्रबो प्रॉप विमान है, जिसमें अच्छी कम गति के हैंडलिंग गुण हैं और
यह विमान बेहतर प्रशिक्षण प्रभाव प्रदान करता है। इसमें पूरी तरह से एयरोबेटिक सीट ट्रबो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, हॉट री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और जीरो-जीरो एविक्सन सीटें हैं।
वहीं रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एचटीटी-40 एक टर्बो प्रॉप विमान है। इसे अच्छी कम गति से निपटने के गुणों और बेहतर प्रशिक्षण प्रभावशीलता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। पूरी तरह से एरोबैटिक इस एक के पीछे एक सीट वाले टर्बो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और शून्य-शून्य इजेक्शन सीट है।
--आईएएनएस
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