मानव रहित जहाजों के संचालन व समुद्री निगरानी के लिए नौसेना के लिए दो जलपोत

नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के लिए दो बहुउद्देशीय जलपोत (एमपीवी) का निर्माण किया जा रहा है। यह बहुउद्देश्यीय जलपोत 18001 समर्थक और 18002 उत्कर्ष हैं। 20 मार्च को औपचारिक तौर पर दोनों जहाजों की नींव रखी गई। ये जहाज समुद्री निगरानी, गश्त लगाने, आपदा राहत, नौसैन्य अभ्यास आदि में हिस्सा लेंगे।साथ ही भारत में बनाए जा रहे हैं नौसेना की इन युद्धपोतों को मानव रहित जहाजों के संचालन के लिए भी तैनात किया जाएगा।
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नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना के लिए दो बहुउद्देशीय जलपोत (एमपीवी) का निर्माण किया जा रहा है। यह बहुउद्देश्यीय जलपोत 18001 समर्थक और 18002 उत्कर्ष हैं। 20 मार्च को औपचारिक तौर पर दोनों जहाजों की नींव रखी गई। ये जहाज समुद्री निगरानी, गश्त लगाने, आपदा राहत, नौसैन्य अभ्यास आदि में हिस्सा लेंगे।साथ ही भारत में बनाए जा रहे हैं नौसेना की इन युद्धपोतों को मानव रहित जहाजों के संचालन के लिए भी तैनात किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना के जहाजों की नींव कट्टूपल्ली के एलएंडटी शिपयार्ड में सोमवार को रखी गई। इस समारोह की अध्यक्षता चीफ ऑफ मटेरियल वीएडीएमसंदीप नैथानी ने की। इस अवसर पर भारतीय नौसेना तथा एलएंडटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप मार्च 2022 में एलएंडटी शिपयार्ड के साथ दो बहुउद्देश्यीय जलपोतों के निर्माण का अनुबंध किया गया था। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कट्टूपल्ली के एलएंडटी शिपयार्ड में भारतीय नौसेना के इस्तेमाल के लिए तैयार होने वाले ये पहले नौसैन्य जहाज होंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन दोनों बहुउद्देश्यीय युद्धपोतों के निर्माण के लिए सभी आवश्यक कलपुर्जे, सहायक उपकरण और प्रणालियां स्वदेशी निमार्ताओं से प्राप्त करके इस्तेमाल की जाएंगी। इस पहल से देश के भीतर रक्षा उत्पादन तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयासों को और गति मिलेगी। जब दोनों युद्धपोत भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे तो सेवा में शामिल किये जाने के बाद ये जहाज समुद्री निगरानी, गश्त लगाने, आपदा राहत और नौसैन्य अभ्यास सहित अन्य लक्षित गतिविधियों में हिस्सा लेंगे। इन युद्धपोतों को स्वतन्त्र, दूरी से संचालित, मानव रहित जहाजों के संचालन के लिए भी तैनात किया जाएगा।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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