भोपाल कार्यालय में पिछले हफ्ते लगी भाजपा की 1996 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई

भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को नई दिल्ली में शुरू हुई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं ने विधानसभा और अगले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की। 1996 में मध्य प्रदेश की राजधानी में हुई इसी बैठक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर छा गई है।
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भोपाल कार्यालय में पिछले हफ्ते लगी भाजपा की 1996 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई भोपाल, 17 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को नई दिल्ली में शुरू हुई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष नेताओं ने विधानसभा और अगले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की। 1996 में मध्य प्रदेश की राजधानी में हुई इसी बैठक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर छा गई है।

तस्वीर में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके डिप्टी रहे एल.के. आडवाणी उनकी बाईं ओर अनुभवी विजया राजे सिंधिया और उनके दाईं ओर सुषमा स्वराज, उमा भारती और कल्याण सिंह जैसे अन्य वरिष्ठ नेता हैं।

लेकिन जहां ये नेता ग्राउंड फ्लोर पर कतार में लगी कुर्सियों पर या तो खड़े नजर आ रहे हैं या बैठे हुए हैं, लेकिन बालकनी में मौजूद लोगों में से एक ने तस्वीर को मौजूदा संदर्भ में और खास बना दिया, क्योंकि ये शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

यह तस्वीर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा की गई थी, और भाजपा नेताओं और पत्रकारों सहित कई लोगों ने भी इस तस्वीर को कैप्शन के साथ साझा किया था।

यह तस्वीर 1996 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र के बाद की है और उसके बाद के 27 सालों में भाजपा के भीतर ही बहुत कुछ बदल गया है। लेकिन, इस तस्वीर की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि भोपाल भाजपा मुख्यालय - दीनदयाल उपाध्याय परिसर में, जहां बैठक हुई थी, को कुछ दिन पहले ही तोड़ दिया गया था।

अब, भाजपा इकाई ने उच्च तकनीकी सुविधाओं से लैस एक बहुमंजिला पार्टी मुख्यालय बनाने का फैसला किया है, और इसके अगले दो वर्षो तक तैयार होने की उम्मीद है। अभी पार्टी कार्यालय भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास सरकारी भूमि पर एक अस्थायी कार्यालय में स्थानांतरित हो गया है।

भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा की अवधि के दौरान बनाए गए पार्टी मुख्यालय को ध्वस्त करने के फैसले का विरोध किया था। राज्यसभा के पूर्व सदस्य रघुनंदन शर्मा ने पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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