भारत गैर-जीवाश्म स्रातों से 40 फीसदी ऊर्जा का उत्पादन कर रहा : केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे
भारत के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के उद्देश्यों के अनुरूप ग्रीन सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंडियन एक्जहीबिशन सर्विसेज ने 5 जून से 7 जून के बीच विश्व पर्यावरण एक्सपो 2023 का यह आयेाजन किया। देश-विदेश से 200 से अधिक प्रदर्शक इस प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी में अमेरिका, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, जापान, कोरिया, कनाडा, स्वीडर और नीदरलैंड्स और अन्य देशों के लोग शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दिए गए भाषण पर रोशनी डालते हुए इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, एथेनॉल एवं हरित उर्जा उत्पादों के उपयोग से पर्यावरण एवं किसानों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। समाज को भी शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों को हासिल करने में अपना योगदान देना होगा। आज हम 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्यों के लिए एकजुट हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण की बात करें तो भारत इस दिशा में दुनिया के सामने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
एक्सपो में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी आधुनिक तकनीकों जैसे जैव ईंधन, बायोडीग्रेडेबल, स्थायी तकनीकों, रीसायक्लिंग एवं व्यर्थ प्रबंधन की तकनीकों तथा अनुसंधान एवं विकास कार्यो का प्रदर्शन किया गया है। आयोजकों का कहना है कि यह एक्सपो पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विश्व पर्यावरण सम्मेलन के चौथे संस्करण का विषय है जीवन एवं ओद्यौगिक साझेदारियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को हासिल करना। इस अवसर पर अश्विनी कुमार चौबे, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने भारत में स्थायी एवं हरित विकास को बढ़ावा देने के महत्व पर रोशनी डाली। प्रदर्शनी का आयोजन एसोचैम एवं जीईएम द्वारा किया गया है। इसे जलशक्ति मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है।
सम्मेलन के एजेंडा पर बात करते हुए स्वदेश कुमार, अध्यक्ष, ग्रीन सोसाइटी ऑफ इंडिया ने कहा, विश्व पर्यावरण एक्सपो 2023 स्वच्छ एवं हरित पर्यावरण के लिए बायोएनर्जी एवं नॉन-फॉसिल स्रोतों के महत्व पर जोर देता है। यह साल हमारे लिए बेहद खास है क्योंकि हम स्थायित्व के लक्ष्यों की ओर बढ़ रहे हैं।
--आईएएनएस
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