भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास - कोंकण 2023
समुद्री अभ्यास- कोंकण के दौरान अंतर-परिचालनीयता बढ़ाने व सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को अपनाने के लिए कई समुद्री अभ्यास किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अभ्यास में समुद्री परिचालन के सभी क्षेत्र वायु, सतह और उप-सतह शामिल थे। इसके अलावा सरफेस इन्फ्लैटबल टार्गेट किलर टोमैटो पर गनरी शूट्स, हेलीकॉप्टर ऑपरेशन, वायु-रोधी व पनडुब्बी-रोधी युद्धपोत अभ्यास, विजिट बोर्ड सर्च व सीजर (वीबीएसएस), पोत कुशलता और कर्मियों का आदान-प्रदान भी शामिल था।
इस अभ्यास से दोनों नौसेनाओं के कर्मियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। इसके परिचालन के दौरान उच्च स्तर की पेशेवरता और उत्साह भी दिखा। समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्र में नियम-आधारितव्यवस्था बनाए रखने के लिए ऑपरेशन-तत्परता, अंतर-परिचालनीयताको बढ़ाने और संयुक्त परिचालन की क्षमता में सुधार करने वाले कर्मियों पर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देने में काफी सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि इसी महीने की शुरूआत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत और ब्रिटेन की रॉयल नेवी के बीच महत्वपूर्ण चर्चा भी हो चुकी है। दोनों देशों के नौसेना प्रमुखों ने रक्षा क्षेत्र के उभरते खतरों से निपटने, समुद्री क्षमता और नौसेना सहयोग पर भी चर्चा की है।
ब्रिटेन की रॉयल नेवी के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ और फस्र्ट सी लॉर्ड सर बेन की नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग में भाग लेने के लिए दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए हुए थे। इस दौरान सर बेन की, ने भारतीय नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के साथ आधिकारिक बातचीत की। नौसेनाध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के दौरान आपसी हित के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया। बैठक के एजेंडा में रक्षा क्षेत्र के उभरते खतरों से निपटने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता को और बढ़ाने के उद्देश्य से समुद्री क्षमता विकास तथा अधिक से अधिक नौसेना सहयोग शामिल था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति सहयोगात्मक ²ष्टिकोण रखने के लिए चर्चा में दोनों देशों द्वारा इसके महत्व पर जोर दिया गया।
--आईएएनएस
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