पीएमएवाई (यू) के तहत अधिकतम घरों के निर्माण के लिए यूपी, गुजरात राज्यों की शीर्ष सूची पर
सभी के लिए आवास देश के शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को सभी मौसम में पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे प्रमुख प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है।
2017 में, मूल अनुमानित मांग 100 लाख घरों की थी। इस मूल अनुमानित मांग के विरुद्ध 102 लाख मकान निर्माणाधीन हैं। इनमें से करीब 62 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।
आवास मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश 10.5 लाख से अधिक घरों के निर्माण के साथ राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है और गुजरात 6.83 लाख से अधिक घरों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसी तरह, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने पीएमएवाई (यू) योजना के तहत 6.2 लाख और 4.8 लाख घरों का निर्माण दर्ज किया है।
केंद्र ने बुधवार को अपनी प्रमुख आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) को वर्ष 2024 तक जारी रखने की मंजूरी दी।
मंत्रालय के अनुसार, 40 लाख घरों के प्रस्ताव राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से देर से (योजना के पिछले 2 वर्षों के दौरान) प्राप्त हुए थे, जिन्हें पूरा करने के लिए और दो साल की आवश्यकता है।
इसलिए, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के अनुरोधों के आधार पर, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024 तक पीएमएवाई (यू) के कार्यान्वयन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके अलावा, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्वीकृत घरों के निर्माण में तेजी लाने की सलाह दी गई है।
यह योजना लाभार्थी के नेतृत्व वाले निर्माण (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) सहित चार कार्यक्षेत्रों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
जबकि केंद्र वित्तीय सहायता प्रदान करता है, राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश लाभार्थियों के चयन सहित योजना को लागू करते हैं।
योजना के तहत 31 मार्च, 2022 तक 1,18,020.46 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता और सब्सिडी पहले ही जारी की जा चुकी है और 21 दिसंबर, 2024 तक 85,406 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
--आईएएनएस
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