दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान की फाइल दोबारा एलजी को भेजी
दिल्ली सरकार प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान शुरू करना चाहती है। राज्य सरकार के मुताबिक लेकिन इसके लिए अभी तक एलजी से अनुमति नहीं मिली है। रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान की अनुमति के लिए एक बार फाइल फिर से एलजी के पास भेजी गई है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो जाती है। ठंड के मौसम हवा कि गति कम होने तथा ठंड बढ़ने के कारण प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। एक अनुमान के मुताबिक 1 नवंबर से हवा की गति 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है। जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की संभावना है। इसलिए ग्रेप के नए नियमों के अनुसार तीन दिन पहले से ही दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण को लागू कर दिया गया है। जिसके तहत दिल्ली में निर्माण एवं विध्वसं की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंद्ध लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को चलाने के लिए उपराज्यपाल के पास फाइल भेजी थी। लेकिन एलजी ने इस अभियान को रोकने के लिए कुछ आपत्ति लगाकर फाइल को वापस भेज दिया। हमने उनकी सभी आपत्तियों के उत्तर के साथ फाइल एजजी के पास भेज रहे हैं। उनसे निवेदन किया गया है कि दिल्ली में एक इमरजेंसी सिचुएशन बन रही है। प्रदूषण को रोकने के लिए हर प्रयास करने की जरूरत है। इसलिए वे इस अभियान को चलाने की अनुमति प्रदान करें।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रीक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की गहन चेकिंग की जा रही है। साथ ही अगर हम रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को भी प्रारम्भ करते हैं तो वाहन प्रदूषण पर इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हमने 2020 में इस अभियान को शुरू किया था। इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा 2019 में एक अध्ययन किया गया था। जिसके अनुसार रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने के कारण 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है।
इसके साथ साथ दिल्ली के अंदर एक और अध्ययन किया गया। दिल्ली में पीसीआरए और पेट्रोलियम संरक्षण साझेदारी के तहत भीकाजी कामा रेडलाईट पर एक अध्ययन किया गया। वहां पर बिना अभियान के जब सर्वे हुआ तो 20 प्रतिशत लोग रेलाईट पर अपना इंजन बंद कर देते थे। जबकि 80 प्रतिशत लोग अपने वाहन का इंजन बंद नहीं करते थे। ऐसे में वहां पर प्लेकार्ड वालेंटियर्स ने अभियान शुरू किया। अभियान के बाद जब सर्वे किया गया तो पाया गया कि 62.33 प्रतिशत लोगों ने अपनी गाड़ी का इंजन बंद करना शुरू कर दिया गया।
--आईएएनएस
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