दमोह के गंगा-जमुना स्कूल के मामले में कमलनाथ-दिग्विजय मौन क्यों-भाजपा

भोपाल, 9 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हिजाब जैसा स्कार्फ बांधे हिंदू बालिकाओं की तस्वीरें पोस्टर में दिखाए जाने के बाद विवादों में आए गंगा-जमुना हाईस्कूल से जुड़े अनेक खुलासे हुए हैं। अब स्कूल से मस्जिद तक जाने का गुप्त रास्ता होने की बात सामने आई है। भाजपा ने इस रास्ते का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेताओं के मौन पर सवाल उठाए हैं।
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भोपाल, 9 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हिजाब जैसा स्कार्फ बांधे हिंदू बालिकाओं की तस्वीरें पोस्टर में दिखाए जाने के बाद विवादों में आए गंगा-जमुना हाईस्कूल से जुड़े अनेक खुलासे हुए हैं। अब स्कूल से मस्जिद तक जाने का गुप्त रास्ता होने की बात सामने आई है। भाजपा ने इस रास्ते का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेताओं के मौन पर सवाल उठाए हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि प्रदेश सरकार की सक्रियता और मुखरता से दमोह के स्कूल पर कार्रवाई संभव हो सकी है। स्कूल प्रबंधन द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने के अलावा हर दिन जांच में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि कर्नाटक के हिजाब प्रकरण से लेकर केरला स्टोरी तक पर जमकर बयानबाजी करने वाले कांग्रेस के कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेता इस पूरी घटना पर मौन हैं। इस मामले में पिछले सात दिनों से उनका मौन नहीं टूटा है। इस घटना को लेकर उन्होंने एक ट्वीट तक नहीं किया।

सलूजा ने कहा कि दमोह के स्कूल में छात्राओं को हिजाब पहनाने के मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तत्काल इस मामले पर संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये। स्कूल की जांच चल रही है और और उस जांच में रोज नए तथ्य निकलकर आ रहे हैं। किस प्रकार से स्कूली बच्चों को धर्म परिवर्तन के लिए, नमाज पढ़ने के लिए, आयते पढ़ने के लिए बाध्य किया जाता था। यहां तक कि छात्रों के हाथ में बंधे कलावे तक काट दिए जाते थे, माथे पर लगे तिलक को मिटा दिया जाता था, स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं के धर्म परिवर्तन के मामले भी सामने आए हैं।

उन्होने आगे कहा, स्कूल से लेकर मस्जिद तक एक गुप्त रास्ता भी जांच के दौरान पाया गया है। स्कूल प्रशासन ने अपने लोगो में भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसका प्रयोग स्कूल संचालक अपने सारे व्यवसायिक संस्थानों में कर रहे थे। जांच में टेरर फंडिंग के साथ-साथ विदेशी फंडिंग की भी बात सामने आ रही है।

सलूजा ने कहा कि धर्म परिवर्तन समेत इतने सारे तथ्य सामने आने के बावजूद स्कूल संचालक के खिलाफ आज तक किसी कांग्रेसी नेता का बयान नहीं आया है। हर छोटी-बड़ी घटना पर टीका टिप्पणी करने वाले कांग्रेसी मौन हैं। प्रदेश में चाहे कोई आतंकवादी पकड़ा जाए या दमोह के स्कूल जैसे जिहादी साम्राज्य के खिलाफ कार्रवाई हो, कांग्रेस के लोग चुप हो जाते हैं। इससे यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो जाती है कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है। इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस ऐसी घटनाओं की समर्थक है। वास्तव में यही कांग्रेस का चरित्र है, जो प्रदेश की जनता खुली आंखों से देख रही है। प्रदेश की जनता 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कड़ा जवाब देगी।

--आईएएनएस

एसएनपी/एएनएम

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