तेलंगाना की राज्यपाल ने संवैधानिक कार्यालयों का सम्मान करने का आह्वान किया
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने संविधान दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्यों की स्वीकृति और संवैधानिक पदों का सम्मान चयनात्मक नहीं हो सकता। हमें जिस चीज की जरूरत है, वह भारतीय संविधान की सच्ची भावना में संवैधानिक कार्यालयों का पालन और सम्मान है।
हमें अपने संविधान के प्रति बेशक सच्चाई सुनिश्चित करनी चाहिए और यह दिखाने में कोई संकोच नहीं है कि हमारे देश में संविधान सर्वोच्च है। हमें अपने संविधान के मूल्य को उसकी सच्ची भावना, इसकी विशिष्टता को समझना चाहिए जो सभी के अधिकारों की गारंटी देता है और कमजोर लोगों की रक्षा करता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 3 की रचना इस बात का उदाहरण है कि संविधान किस प्रकार चुनौतियों की परिकल्पना करता है और कमजोर लोगों के लिए सुरक्षा को शामिल करने का प्रयास करता है। राज्यपाल ने कहा कि संविधान दिवस मनाकर देश भारतीय संविधान निर्माताओं को याद कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश को दुनिया में सबसे अच्छा लिखित संविधान देने के लिए हमें संविधान निर्माताओं का आभारी होना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते दिनों सुंदरराजन ने उन्हें सम्मान नहीं देने और प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और उनकी सरकार पर निशाना साधा था।
--आईएएनएस
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