केंद्र ने तीन नागा समूहों के साथ संघर्ष विराम समझौते को एक और साल के लिए बढ़ाया
![](https://www.newstodaynetwork.com/static/c1e/client/86272/downloaded/e23cff90aae722b8169a37cb28244f32.jpg)
नगालैंड सरकार के अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले के हवाले से कहा कि गुरुवार को तीन संगठनों- नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-एनके (एनएससीएन-एनके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-रिफॉर्मेशन (एनएससीएन-आर) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के-खांगो (एनएससीएन-के-खांगो) के साथ युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
![](https://www.newstodaynetwork.com/static/c1e/static/themes/12/86272/3364/images/250x160-Haldwani-Portal-page-0001.jpg)
समझौतों के मुताबिक एनएससीएन-एनके और एनएससीएन-आर के साथ संघर्ष विराम इस साल 28 अप्रैल से 27 अप्रैल 2024 तक प्रभावी रहेगा। हालांकि, एनएससीएन-के-खांगो के साथ संघर्ष विराम समझौता 18 अप्रैल, 2023 से 17 अप्रैल, 2024 तक है।
यह सभी समूह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (एनएससीएन-आईएम) और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के निकी ग्रुप के इसाक-मुइवा गुट से अलग हुए गुट हैं। केंद्र सरकार ने 1997 में प्रमुख नागा समूह एनएससीएन-आईएम और एनएससीएन-के सहित विभिन्न नागा संगठनों के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जो 8 सितंबर, 2021 से एक वर्ष की अवधि के लिए और एनएससीएन-के समूह के 200 से अधिक कैडर 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल हुए।
![](https://www.newstodaynetwork.com/static/c1e/static/themes/12/86272/3364/images/IMG-20240504-WA0004.jpg)
केंद्र 1997 से एनएससीएन-आईएम और और 2017 से कम से कम सात समूहों वाले नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहा है। 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और एनएनपीजी के साथ सहमत स्थिति 2017 में बनी।
शांति प्रक्रिया में गतिरोध जारी रहा क्योंकि एनएससीएन-आईएम नागाओं के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा रहा।
--आईएएनएस
केसी/एएनएम