कांग्रेस इकाईयों ने एलआईसी-एसबीआई के कार्यालय पर प्रदर्शन किया
अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश के खिलाफ विरोध जताने भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। एनएसयूआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शास्त्री भवन का किया घेराव किया। वहीं अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा के नेतृत्व में कनॉट प्लेस पर एलआईसी के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या जेपीसी से निष्पक्ष जांच कराये, घपलेबाज अडानी समूह की जांच कराओ, एलआईसी - एसबीआई के निवेशकों की सुरक्षा की जाए आदि नारे लगा रहे थे।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने इस दौरान कहा कि केन्द्र सरकार कथित घोटाले की जेपीसी से जांच कराए। साथ ही प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इस संकट से उत्पन्न वित्तीय अनियमितताओंपर संसद में अपना बयान देकर निवेशकों को भरोसा दें। उन्होंने अडानी ग्रुप के धराशायी होने पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर मांग की कि इसकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के तहत एक निष्पक्ष जांच हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में विस्तार से जांच की जाए। यह भी मांग की कि एलआईसी व एसबीआई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अडानी समूह में निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं के बेहद जोखिम भरे लेन-देन और निवेश ने भारत के निवेशकों एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। क्यों एलआईसी ने अडानी समूह में भारी निवेश किया है और पिछले कुछ दिनों में एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है। अडानी समूह पर भारतीय बैंकों को लगभग 80,000 करोड़ बकाया है।
इसके साथ ही एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव व दिल्ली के प्रभारी नीतिश गौड़ ने कहा, हम सड़क से संसद तक आम आदमी की लड़ाई लड़ेंगे व उनकी आवाज सरकार तक पहुंच जाएंगे, हमारे नेता राहुल गांधी पीएम मोदी और उनके उद्योगपति मित्र के लिए जो बात सालों से कहते आ रहे हैं वह आज सच साबित होती दिख रही है।
प्रधानमंत्री की चुप्पी इस ओर इशारा कर रही है कि धांधली बड़ी है, जिसमें वह खुद भी हिस्सेदार हैं, हम जेपीसी के गठन की मांग करते हैं और संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सरकार को न्योता दे रहे हैं पर सरकार अदानी को बचाना चाहती है वह देश के सामने सच नहीं रखना चाहती इसलिए चर्चा से भाग रही है।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि या तो सरकार जेपीसी का गठन करें या फिर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन हो।
वहीं महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने कहा, राहुल गांधी 2014 से लेकर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तक मोदी-अडानी गठजोड़ पर देश को चेतावनी देते रहे हैं और अब उसकी सच्चाई सामने आ गई है। हिंदुस्तान के सब एयरपोर्ट, पावर, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस डिस्ट्रीब्यूशन, खाद्य तेल जो भी हिंदुस्तान में होता है.. उधर अडानी जी दिखाई देते हैं।
डिसूजा ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, अमृत काल में केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ ही केन्द्रीय एजेंसियां क्यों सक्रिय होती हैं?
--आईएएनएस
पीटीके/एएनएम