कर्नाटक में मतदाताओं का डेटा चोरी घोटाला: बीबीएमपी के विशेष आयुक्त का तबादला करने वाली है सत्तारूढ़ बीजेपी
हालांकि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जांच की घोषणा करके और कांग्रेस के आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी के नेता इस मामले को लेकर चिंतित हैं। सूत्र बताते हैं कि घोटाले को लेकर बेंगलुरु में कांग्रेस नेताओं द्वारा एक आपातकालीन प्रेस बैठक की गई, वहीं तुषार गिरिनाथ को विधान सौध (विधानसभा) तलब किया जा चुका था।
कांग्रेस ने अधिकारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रदान किए गए आईडी कार्ड जमा किए हैं। पार्टी उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण के साथ उस चिलूम संस्था से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है जिसे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम दिया गया था। पार्टी ने चिलूम संस्था के कृष्णप्पा रविकुमार और मंत्री अश्वथ नारायण की मुलाकात की तस्वीरें जारी की हैं। कांग्रेस ने कहा है कि उन्होंने घोटाले का पता लगाने के लिए तीन महीने से अधिक समय तक मीडिया के साथ काम किया।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने तुषार गिरिनाथ को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनके मन में अधिकारी के लिए बहुत सम्मान था और वह सोच रहे हैं कि वह मतदाताओं के डेटा की चोरी करने के स्तर तक कैसे गिर सकते हैं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके। भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव की दहलीज पर ये घटना उनके लिए झटका साबित हो सकती है।
कर्नाटक में छह महीने से भी कम समय में चुनाव होंगे। कांग्रेस ने खुले तौर पर चुनौती दी है कि बीजेपी वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रही है क्योंकि चुनाव में उसकी हार तय है। यह अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के नाम हटा रही है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी उम्मीदवारों की मदद के लिए खाली घरों को चिह्न्ति कर मतदाताओं को वहां बसाया जाता है।
--आईएएनएस
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