कर्नाटक के मंत्री की अक्षमता के कारण सरकारी स्कूलों में दाखिले में गिरावट : आप
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोहन दसारी ने कहा, कोविड के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे एक लाख से अधिक अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया था। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा से परेशान होकर वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में फिर से दाखिला दिला रहे हैं, जिससे सरकारी स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक के छात्रों की संख्या में 1.62 लाख की कमी आई है।
मोहन दसारी ने कहा, कर्नाटक के 47,585 सरकारी स्कूलों में से 6,529 स्कूलों में केवल एक शिक्षक है। अधिकांश स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षकों की कमी है। यह एक त्रासदी है कि विकास के बजाय स्कूलों और कॉलेजों में सांप्रदायिक राजनीति को प्राथमिकता दी जाती है। दिल्ली में आप सरकार ने सरकारी स्कूलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा स्थापित किया जहां छात्रों की संख्या काफी बढ़ रही है। कर्नाटक में भी ऐसी शैक्षिक क्रांति के लिए आप को यहां सत्ता में आना चाहिए।
वार्डो के आरक्षण को अधिसूचित करने के लिए तीन महीने का समय मांगने वाली राज्य सरकार की याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए मोहन दसारी ने कहा, यह भाजपा की कायरता का प्रमाण है कि राज्य सरकार बीबीएमपी चुनावों को स्थगित करने की कोशिश कर रही है, जो था 2020 में होने वाला है, अदालत की फटकार के बाद भी। बेंगलुरु में विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) के विधायक भी बीबीएमपी चुनाव के लिए दबाव नहीं बना रहे हैं। तीनों पार्टियां हारने से डरती हैं और इसीलिए चुनाव स्थगित करने में एकजुटता दिखा रही हैं।
उन्होंने कहा, भाजपा जानती है कि बीबीएमपी चुनावों में हार का असर विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा। इसलिए, सरकार बीबीएमपी चुनाव विधानसभा चुनावों के साथ या उसके बाद कराने की साजिश कर रही है। हालांकि, आप को बेंगलुरु में अच्छा जन समर्थन मिल रहा है और राज्यभर में और हम बीबीएमपी और विधानसभा चुनावों में किसी भी समय बहुमत प्राप्त करेंगे।
--आईएएनएस
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