एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण में 3000 करोड़ के घोटाले का आरोप, हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांगा जवाब
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चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने दोनों सरकारों को चार सप्ताह में एफिडेविट के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से भी पक्ष रखा गया। ईडी की ओर से अदालत को बताया गया कि हजारीबाग के केरेडारी थाना में इस संबंध में एफआईआर दर्ज हुई है।
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मंटू सोनी नामक व्यक्ति की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि हजारीबाग में भूमि-मुआवजा से संबंधित गड़बड़ियों के सामने आने के बाद वर्ष 2016 में तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की थी। एसआईटी ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में 3000 करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाला की आशंका जताई थी। टीम ने रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी, कर्मियों और एनटीपीसी के अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की थी। एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद भू-राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एनटीपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और हजारीबाग उपायुक्त को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा था। प्रार्थी के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक और हजारीबाग उपायुक्त को पत्राचार किया गया है और किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
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--आईएएनएस
एसएनसी/एएनएम