एग्जिट पोल को नकारते हुए भाजपा अभी भी कर रही कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा
लेकिन इसके अगले दिन गुरुवार को दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक भाजपा के दिग्गज नेता, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री तक एग्जिट पोल के तमाम आंकड़ों को गलत ठहराते हुए राज्य में फिर से सरकार बनाने का दावा करते नजर आए।
गुरुवार को सबसे पहले भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद दूसरे सबसे ताकतवर पदाधिकारी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने तमाम एग्जिट पोल पर सवाल उठाते हुए ट्वीट कर कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में किसी ने भी भाजपा के 282 या 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीट जीतने की भविष्यवाणी नहीं की थी। उन्होंने आगे कहा कि किसी ने भी 2022 में गुजरात में भाजपा के 156 सीट जीतने की भविष्यवाणी नहीं की थी।
कर्नाटक के ही 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए बीएल संतोष ने आगे कहा कि कर्नाटक में 2018 में भी किसी ने भाजपा के 104 सीटें जीतने की भविष्यवाणी नहीं की थी। उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि भाजपा को इस बार राज्य के 31 हजार बूथों पर बढ़त मिलने जा रही है।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में बूथों की कुल संख्या 58,545 थी यानी भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव, राज्य के लगभग 53 प्रतिशत बूथों पर अन्य राजनीतिक दलों से आगे रहने का दावा कर रहे हैं।
वहीं बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी बीएल संतोष की तरह एग्जिट पोल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए यह दावा किया कि कर्नाटक को लेकर तमाम एग्जिट पोल 2018 के चुनाव की तरह ही इस बार भी गलत साबित होंगे और भाजपा को राज्य में बहुमत मिलने जा रहा है।
वहीं कर्नाटक से लोक सभा सांसद और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने भी बेंगलुरु में ही यह दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कर्नाटक में इतनी ज्यादा सभाएं की हैं और उनकी लोकप्रियता एवं जमीनी स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कामों के बल पर पार्टी एग्जिट पोल को गलत साबित करेगी।
--आईएएनएस
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