उत्तरकाशी एवलांच के द्रौपदी का डांडा के रेस्क्यू का वीडियो आया सामने
आपको बता दें कि,मातली हेलीपैड से द्रौपदी डांडा के बेस कैंप के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। एसडीआरएफ जवान द्रौपदी का डांडा-2 में हुए हिमस्खलन दुर्घटना में लापता प्रशिक्षुओं की सचिर्ंग के लिए 18500 फीट की ऊंचाई पर गहरे क्रेवास में उतरता, जिसका ये वीडियो सामने आया है।
इस ग्लेशियर में बने ये क्रेवास देखिए.. क्रेवास मतलब बफीर्ले रेगिस्तान के बीच बनी अंधेरी दरारें.. अंदाजा लगाया गया था कि इन्हीं बर्फ की दरारों के बीच कहीं फंसकर पर्वतारोहियों की मौत हुई होगी। अंदाजा तो इस बात का लगाया गया था कि इन खतरनाक दरारों के बीच कोई जिंदगी मदद के लिए छटपटा रही होगी। लेकिन एक के बाद एक 27 पर्वतारोही की लाशें मिलने से हर कोई सन्न रह गया। हम आपको उस र्दे या यू कहें के क्रेवास का एक्सक्लूसिव वीडियो दिखा रहे हैं। वीडियो के शब्द जरा ध्यान से सुनिएगा।
ये वीडियो मौके पर गई रेस्क्यू टीम के किसी सदस्य ने बनाया है। वो कह रहे हैं कि ये 4 विक्टिम हैं, जिनको लेकर जा रही है हमारी टीम, अभी भी हमारा रेस्क्यू जारी है, ये देखिए. बहुत बड़ा ट्रेजडी हम कह सकते हैं, अभी तक 20 लोग मिसिंग हैं।
इस वीडियो को देखने के बाद आपने उस मौके की भयावहता का अंदाजा तो लगा ही दिया होगा। द्रौपदी का डांडा यूं तो पर्वतारोहण के लिए सबसे सुरक्षित कहा जाता है, लेकिन इस बार द्रौपदी ने रौद्र रूप दिखा दिया।
इस एवलांच की चपेट में एडवांस कोर्स प्रशिक्षण के लिए गए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रशिक्षु पर्वतारोही और प्रशिक्षक आ गए थे। जिनमें उत्तरकाशी की लौंथरू गांव की माउंट एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल, भुक्की गांव की पर्वतारोही नौमी रावत, अल्मोड़ा के पर्वतारोही अजय बिष्ट समेत 29 पर्वतारोहियों की जान चली गई थी।
--आईएएनएस
स्मिता/एएनएम