अतीक के नाबालिग बेटों की हो रही काउंसलिंग
अधिकारियों ने कहा कि काउंसलिंग उनके व्यवहार को बदलने में मदद कर रही है ताकि वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नक्शेकदम पर न चलें, जो अपराधों में शामिल थे।
लड़कों को आश्रय गृह में रखा जा रहा है, क्योंकि उनकी देखभाल करने के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दोनों लड़के 2 मार्च को चकिया इलाके में घूमते पाए गए थे, इसके बाद उन्हें आश्रय गृह में भर्ती कराया गया था।
वे प्रयागराज के एक प्रमुख अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ रहे थे। धूमनगंज पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद लड़के इस साल अपनी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए।
पुलिस द्वारा 24 फरवरी को वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गाडरें की हत्या में शामिल हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू करने के बाद, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के वकीलों ने अदालत में एक आवेदन दायर कर पुलिस से उसके दो नाबालिग बेटों के ठिकाने का खुलासा करने को कहा।
पुलिस ने पहले तो दोनों को हिरासत में लेने से इनकार किया, लेकिन बाद में कहा कि लड़के 2 मार्च को चकिया इलाके में अकेले घूमते पाए गए थे और उन्हें एक आश्रय गृह में भर्ती कराया गया है।
हालांकि, शाइस्ता के वकीलों ने फिर से उसकी ओर से अदालत का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि दो नाबालिग लड़के इस आश्रय गृह में नहीं हैंे।
24 मार्च को धूमनगंज पुलिस ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि अतीक के दो नाबालिग बेटे दूसरे बाल आश्रय गृह में हैं।
अतीक अहमद और अशरफ 15 अप्रैल की रात पुलिस हिरासत में एक हमले में मारे गए थे। अतीक का तीसरा बड़ा बेटा असद 13 अप्रैल को झांसी के पास एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
शाइस्ता परवीन (उमेश पाल हत्याकांड में भी एक आरोपी) अपने सिर पर 50 हजार रुपये के नकद इनाम के साथ फरार है, दो नाबालिग लड़कों को देखने वाला कोई नहीं है।
इसके अलावा, अतीक के दो बड़े बेटे, अली और उमर, वे भी अलग-अलग मामलों में लखनऊ और नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
प्रयागराज जिला प्रोबेशनरी अधिकारी पंकज मिश्रा ने कहा, बाल आश्रय में अन्य बच्चों के साथ, अतीक के दो नाबालिग बेटों की विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग की जा रही है। उनके व्यवहार में बदलाव देखा गया है।
--आईएएनएस
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