हिंदू राष्ट्र बन भी जाए तो क्या बना रह पाएगा : गहलोत

जयपुर, 22 जून (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा के सदस्य देश में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन जाता है, तो क्या ऐसा बना रह पाएगा?
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हिंदू राष्ट्र बन भी जाए तो क्या बना रह पाएगा : गहलोत जयपुर, 22 जून (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा के सदस्य देश में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बन जाता है, तो क्या ऐसा बना रह पाएगा?

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भगवा पार्टी ने कभी एससी/एसटी समुदायों को गले नहीं लगाया, लेकिन आज वे वोट की उम्मीद में कह रहे हैं कि वे भी हिंदू हैं।

पड़ोसी देश पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए गहलोत ने कहा, मैं बीजेपी, आरएसएस के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप कब तक हिंदू धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते रहेंगे? हमारे सामने एक उदाहरण है, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान धर्म के नाम पर बनाया गया था, लेकिन यह जल्द ही दो हिस्सों में क्यों बंट गया?

उन्होंने सवाल किया, इंदिरा गांधी के समय में 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था, हालांकि यह अलग बात है कि मोदी इंदिरा गांधी का नाम नहीं लेते हैं। मैं यह भी विशेष रूप से कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश दो देश क्यों बने, जब दोनों में ज्यादातर मुसलमान ही थे।

उन्होंने कहा, धर्म के नाम पर देश बनाना एक बात है, लेकिन इसे बनाए रखना दूसरी बात है। मैं खुद 1971 में बांग्लादेश के शरणार्थियों की सेवा करने के लिए सीमा पर गया था, इसलिए मुझे पता है कि स्थिति क्या थी। फिर मुझे बताओ, क्यों एक धर्म के नाम पर दो देश बने? इसका मतलब है कि धर्म के नाम पर देश बन सकते हैं, लेकिन यह गारंटी नहीं है कि यह एक रहेगा। यह हमने अपने पड़ोस में देखा है।

उन्होंने कहा, आज वे हिंदू राष्ट्र की बात करके लोगों को भड़का रहे हैं। हाल ही में अमित शाह जी ने हिंदी के बारे में 2 शब्द बोले और पूरा दक्षिण भारत विरोध में खड़ा हो गया। अमित शाह जी को यह कहते हुए अपने शब्द वापस लेने पड़े कि उनके कहने का मतलब यह नहीं था। जब देश के लोग भाषा के नाम पर भड़क जाते हैं, तो आप सोच सकते हैं कि धर्म के नाम पर उनकी क्या सोच हो सकती है? क्या यह देश धर्म के नाम पर, हिंदू धर्म के नाम पर एकजुट रह सकता है?

--आईएएनएस

एसजीके