प्रदूषण से निपटने के लिए गुरुग्राम में लगाए गए 71 एयर प्यूरीफायर

गुरुग्राम, 25 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा प्रोजेक्ट एयर केयर के तहत 71 एयर प्यूरीफायर लगाए गए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
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प्रदूषण से निपटने के लिए गुरुग्राम में लगाए गए 71 एयर प्यूरीफायर गुरुग्राम, 25 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा प्रोजेक्ट एयर केयर के तहत 71 एयर प्यूरीफायर लगाए गए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने कहा कि एयर प्यूरीफायर खासकर उन जगहों पर लगाए गए हैं, जहां प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत अधिक है, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके।

अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना में जिले में 42 और एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना है।

जीएमडीए के एडिशनल सीईओ सुभाष यादव ने बताया कि जिले में इस प्रोजेक्ट के तहत कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी(सीएआर) के तहत अगस्त-2020 में एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना शुरू की गई थी।

यादव ने कहा, यह परियोजना हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा नवंबर 2020 में शुरू की गई थी। भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) इस परियोजना को लागू कर रहा है। संचालन और रखरखाव का काम भी उनकी देखरेख में किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 40 फीसदी प्रदूषण बढ़ने के लिए वाहनों का धुआं जिम्मेदार है और इसी को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना शुरू की गई है।

अधिकारियों ने कहा कि इफको चौक पर 15 एयर प्यूरीफायर, सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास 12, सेक्टर 44 के पास 6, रेड लाइट एरिया के पास, मेदांता अस्पताल के पास और बख्तावर चौक पर 8, मैक्स अस्पताल के पास 7, एआईटी चौक पर 7, सेक्टर-54 के पास 8 और जीएमडीए सेक्टर 44 कार्यालय में 1 एयर प्यूरीफायर लगाये गये हैं।

आईपीसीए के उप निदेशक राधा गोयल ने कहा, एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ता स्तर हम सभी के लिए चिंता का विषय है।

इंस्टॉल किए गए एयर प्यूरीफायर की खास बात यह है कि यह हवा को फिल्टर करता रहता है। लगभग 5 फीट की ऊंचाई पर स्थापित इस एयर प्यूरीफायर में एक एग्जॉस्ट होता है, जो पर्यावरण के प्रदूषण पैदा करने वाले पार्टिकुलेट को अवशोषित करता है। आसपास के प्रदूषण को 40-50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। साथ ही, इन एयर प्यूरीफायर का संचालन और रखरखाव आईपीसीए द्वारा 3 साल के लिए किया जाएगा।

--आईएएनएस

एचके/एएनएम