भारत-मोजाम्बिक संयुक्त रक्षा कार्य समूह की बैठक हुई, एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक 28 अप्रैल को

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत-मोजाम्बिक संयुक्त रक्षा कार्य समूह की चौथी बैठक 25 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद और मोजाम्बिक के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव कासिमिरो ऑगस्टो मुइयो द्वारा की गई।
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नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत-मोजाम्बिक संयुक्त रक्षा कार्य समूह की चौथी बैठक 25 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद और मोजाम्बिक के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के स्थायी सचिव कासिमिरो ऑगस्टो मुइयो द्वारा की गई।

मोजाम्बिक ने आतंकवाद समेत सुरक्षा संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए फोर्सेस की क्षमता और गतिशीलता बढ़ाने में भारत के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है। भारतीय पक्ष ने मोजाम्बिक को मजबूत द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के प्रति नई दिल्ली के निरंतर समर्थन और प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दृष्टि से सैन्य प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम, अभ्यास, चिकित्सा और क्षमता निर्माण सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। भारतीय पक्ष ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश की बढ़ती क्षमताओं पर प्रकाश डाला और द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। मोजाम्बिक पक्ष ने रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भी अलग से बातचीत की।

इसके अलावा, भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अध्यक्ष के रूप में नई दिल्ली में 28 अप्रैल को शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) 2001 में स्थापित एक अंतर सरकारी संगठन है। शंघाई सहयोग संगठन की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। सदस्य देशों के अलावा, दो पर्यवेक्षक देश बेलारूस और ईरान भी 28 अप्रैल 2023 को शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे।

रक्षा मंत्री अन्य मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, शंघाई सहयोग संगठन के भीतर आतंकवाद विरोधी प्रयासों और एक प्रभावी बहुपक्षवाद से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2023 में भारत की शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता का विषय शंघाई सहयोग संगठन को सुरक्षित करना है। भारत इस क्षेत्र में बहुपक्षीय, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहन देने में शंघाई सहयोग संगठन को विशेष महत्व देता है। शंघाई सहयोग संगठन के साथ चल रहे संपर्क ने भारत को उस क्षेत्र के देशों के साथ अपने संबंधों को प्रोत्साहन देने में सहायता की है जिसके साथ भारत ने सभ्यतागत संबंध साझा किए हैं, और इसे भारत का विस्तारित पड़ोस माना जाता है।

शंघाई सहयोग संगठन सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, सभी सदस्य देशों की समानता और उनमें से प्रत्येक की राय के लिए आपसी समझ और सम्मान के सिद्धांतों के आधार पर अपनी नीति का पालन करता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसजीके