झारखंड में हाथियों ने चार को कुचलकर मार डाला, तीन दिनों में 11 की ली जान

रांची, 21 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड में हाथी लगातार कहर बरपा रहे हैं। मंगलवार को रांची के इटकी प्रखंड में झुंड से बिछड़े दो हाथियों ने चार लोगों को कुचलकर मार डाला। इसके पहले लोहरदगा में भी रविवार-सोमवार को एक हाथी ने पांच लोगों की जान ले ली थी। पिछले तीन दिनों में पूरे राज्य में हाथियों के हमले में ग्यारह लोग मारे गए हैं।
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रांची, 21 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड में हाथी लगातार कहर बरपा रहे हैं। मंगलवार को रांची के इटकी प्रखंड में झुंड से बिछड़े दो हाथियों ने चार लोगों को कुचलकर मार डाला। इसके पहले लोहरदगा में भी रविवार-सोमवार को एक हाथी ने पांच लोगों की जान ले ली थी। पिछले तीन दिनों में पूरे राज्य में हाथियों के हमले में ग्यारह लोग मारे गए हैं।

बताया गया कि जंगल की ओर से आए एक हाथी ने मंगलवार को अहले सुबह बोड़ेया गांव में 55 वर्षीय किसान सुखबीर किडो को कुचल डाला। यहां के ग्रामीणों ने एकजुट होकर हाथी को यहां से खदेड़ा तो वह पास स्थित गढ़गांव पहुंचा और वहां भी एक-एक कर 52 वर्षीय पुनई उरांव, गोविंदा उरांव और राखवा देवी को कुचल डाला।

हाथी के हमले में एक अन्य ग्रामीण घायल हो गया है, जिसे गंभीर हाल में इलाज के लिए रिम्स में दाखिल कराया गया है। बताया जा रहा है कि हमलावर हाथी अभी गढ़गांव में ही मौजूद है।

इस बीच वन विभाग और प्रशासन के अफसरों की टीम प्रभावित गांव में पहुंची है। हाथी को गांव से छह-सात किलोमीटर दूर जंगल की ओर भेजने की कोशिश हो रही है। गांव में लोगों की भारी भीड़ जमा है। प्रशासन की ओर से लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है।

फरवरी महीने में हाथियों ने हजारीबाग शहर और आसपास के इलाकों में तीन, लोहरदगा में पांच, लातेहार में एक और जामताड़ा में एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला है।

गिरिडीह, बोकारो, रांची, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, लातेहार और हजारीबाग सहित कई जिलों में पिछले एक महीने के दौरान हाथियों के अलग-अलग झुंड ने 300 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में फसल रौंदी है।

वन विभाग इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहा। वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) ने साल 2017 में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें बताया गया था कि झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और दक्षिण पश्चिम बंगाल का 21 हजार वर्ग किलोमीटर इलाका हाथियों का आवास है। मानव-हाथी संघर्ष के चलते देशभर में जितने लोगों की जान जाती है उनमें से 45 फीसदी इसी इलाके से हैं।

--आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी