कर्नाटक में उठी मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग- भाजपा और विहिप ने उठाए कांग्रेस पर सवाल

नई दिल्ली,15 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस आलाकमान अभी नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार-विमर्श कर ही रही है, लेकिन सरकार के गठन से पहले ही राज्य में मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने और 5 अहम मंत्रालयों का मंत्री मुस्लिम विधायक को बनाने की मांग ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।
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नई दिल्ली,15 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस आलाकमान अभी नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार-विमर्श कर ही रही है, लेकिन सरकार के गठन से पहले ही राज्य में मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने और 5 अहम मंत्रालयों का मंत्री मुस्लिम विधायक को बनाने की मांग ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।

कर्नाटक में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा कांग्रेस को जीताने का दावा करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रमुख शफी सादी ने कांग्रेस से राज्य में मुस्लिम समाज से एक उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। सादी ने कहा कि कांग्रेस ने 15 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 9 जीत कर आए हैं। उन्होंने दावा किया 72 विधान सभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं के कारण कांग्रेस को जीत हासिल हुई है। इसलिए एक मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने के साथ ही कांग्रेस को 5 अन्य मुस्लिम विधायकों को राज्य सरकार में मंत्री भी बनाना चाहिए और उन्हें गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे अहम मंत्रालय भी देने चाहिए।

शफी सादी की इस मांग ने कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने कांग्रेस को देश का नया मुस्लिम लीग बताते हुए कहा कि है कांग्रेस ने सत्ता हथियाने के लिए मुस्लिम समुदाय से बहुत अधिक वादे कर दिए हैं। वहीं विश्व हिंदू परिषद यह आरोप लगा रही है कि अगर कांग्रेस इन मांगों को स्वीकार करती है तो इसका सीधा मतलब यह होगा कि उसने जेहादी तत्वों के सामने सरेंडर कर दिया है।

भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने शफी सादी के वीडियो को शेयर करते हुए और उनकी मांगों को लिखते हुए ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस की तरह की धर्मनिरपेक्षता की एक कीमत होती है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस कभी नहीं जीत पाएगी ऐसा सोचकर उसने मुस्लिम समुदाय से बहुत सारे वायदे कर दिए हैं। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी यह योजना विफल हो गई है ( और वे चुनाव जीत गए हैं। )।

मालवीय ने कांग्रेस को देश का नया मुस्लिम लीग बताते हुए यह भी कहा कि धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन का दर्द अभी भी भयानक यादों को याद दिलाता है। उस समय नेहरू के नेतृत्व में कमजोर कांग्रेस मुस्लिम लीग की अवास्तविक मांगों को स्वीकार करती रही और इसकी वजह से अंतत: भारत का बंटवारा हो गया। भाजपा नेता ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने उससे कोई सबक नहीं सीखा है और कर्नाटक में जो हो रहा है वह एक गंभीर रिमाइंडर है कि कांग्रेस अब नई मुस्लिम लीग है, जिसने सत्ता हथियाने के लिए मुस्लिम समुदाय से बहुत अधिक वादे किए हैं। भाजपा नेता ने कहा कि मुसलमानों को 6 से 13 प्रतिशत के बीच धर्म आधारित आरक्षण देने की पेशकश, जो कि सांप्रदायिक और असंवैधानिक है, हिजाब और हलाल के माध्यम से इस्लामीकरण को बढ़ावा देना, धर्मांतरण और गोहत्या विरोधी कानूनों को उलटने की इच्छा प्रदर्शित करना, ये सब चिंताजनक रूप से 1947 के कांग्रेस की याद दिलाते हैं, जिसने मुस्लिम समूहों को बहुत कुछ दिया, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि सुन्नी उलमा शफी सादी की उपमुख्यमंत्री पद और 5 महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो की मांग अभी शुरूआत है। आगे अधिक से अधिक और रियायतें मांगी जाएंगी और कमजोर कांग्रेस झुकती रहेगी। जो लोग इतिहास से सीखने में असफल रहते हैं, वे इसे दोहराने के लिए अभिशप्त होते हैं।

वहीं विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी सुन्नी उलमा शफी सादी की मांग को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी कर्नाटक में इनकी जनसंख्या 13 प्रतिशत से भी कम है और ये सिर्फ 9 विधायक हैं, लेकिन इन्हे इतने पर ही कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में उपमुख्यमंत्री का पद भी चाहिए और पुलिस को नियंत्रित करने वाला गृह जैसा अहम मंत्रालय भी चाहिए। आईएएनएस से बात करते हुए विहिप प्रवक्ता ने कहा कि अगर कांग्रेस इन मांगों को स्वीकार करती है तो इसका सीधा मतलब यह होगा कि उसने जेहादी तत्वों के सामने सरेंडर कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कांग्रेस अपने घोषणापत्र में किए गए वादे के अनुसार बजरंग दल पर बैन लगाने का फैसला करती है तो यह कांग्रेस के लिए आत्मघाती होगा।

--आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम