कर्ज धोखाधड़ी मामले में पूर्व एजीएम, सात अन्य को तीन साल की कैद

नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। मुंबई की एक विशेष अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के पूर्व सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) और अन्य को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
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नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। मुंबई की एक विशेष अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के पूर्व सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) और अन्य को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने डीआर देशपांडे, तत्कालीन एजीएम, बीओएम, मुकेश एम. शाह, एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड, मुंबई के निदेशक और श्रेयांश पी. शेठ, निदेशक, एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड, मुंबई को तीन साल की जेल की सजा।

अदालत ने निजी फर्मों के पांच निदेशकों- धूमिल सेठ, विशाल सेठ, हसमुख सेठ, विनोद सेठ और मनोज बी शाह को तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 50.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

सीबीआई ने बीओएम के महाप्रबंधक की शिकायत पर 18 मार्च 2009 को मामला दर्ज किया था।

यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 के दौरान, इसके निदेशकों सहित, देशपांडे, तत्कालीन एजीएम, बीओएम की मिलीभगत से अभियुक्तों ने इन्वेंट्री और प्राप्तियों के ²ष्टिबंधन के एवज में 2.1 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा प्राप्त की और बीओएम, बांद्रा (ई) शाखा के साथ-साथ जाली दस्तावेजों से 5.4 करोड़ रुपये की एलसी-आयात सीमा का नुकसान पहुंचाया। इस प्रकार, आरोपी ने बैंक को 2,69,08,482 रुपये के साथ-साथ 1,04,25,069 रुपये के अप्रयुक्त ब्याज की राशि का धोखा दिया।

विवेचना के पश्चात अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया।

ट्रायल कोर्ट ने अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम