कविता-सारे हैं इस देश के भाई

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी
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कविता-सारे हैं इस देश के भाई

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत जवाहर नवोदय विद्यालय टिहरी गढ़वाल की छात्रा राधिका गुसाईं की शानदार कविता पढ़िए-

कविता-सारे हैं इस देश के भाई

देश है मेरा सबसे न्यारा
प्यारा हिंदुस्तान,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
सारे हैं इस देश के भाई।

नाम था इसका सोने की चिड़िया
बीत गई हैं यहां की पीढ़ियां
राज्य से बनता है शहर
शहर से बनता है गांव।

भारत है परिवावर हमारा
देशवासियों ने इसे संवारा
स्कूल काॅलेज सबकुछ है यहां
मेरे देश के चर्चे ना जाने कहां-कहां।

कविता-सारे हैं इस देश के भाई