देहरादून-एक ही स्कूल में पढ़े थे देवभूमि के ये दो वीर शहीद, दोनों ने देश के लिए दिया बलिदान

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- कभी-कभी कई चीजें हमारी जिंदगी में संयोग बन जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ देवभूमि के दो वीर सपूतों के साथ। दोनों मेजर पद पर थे। मेजर चित्रेश बिष्ट और मेजर विभूति ढौंडियाल आज देश के लिए शहीद हो गये। भारत मां के खातिर दोनों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिये। किसे पता
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देहरादून-एक ही स्कूल में पढ़े थे देवभूमि के ये दो वीर शहीद, दोनों ने देश के लिए दिया बलिदान

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क- कभी-कभी कई चीजें हमारी जिंदगी में संयोग बन जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ देवभूमि के दो वीर सपूतों के साथ। दोनों मेजर पद पर थे। मेजर चित्रेश बिष्ट और मेजर विभूति ढौंडियाल आज देश के लिए शहीद हो गये। भारत मां के खातिर दोनों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिये। किसे पता था बचपन से एक ही स्कूल में पढ़े दोनों जाबांज एक दिन सेना में भर्ती होकर देश का मान बढ़ायेंगे। शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट और शहीद मेजर विभूति ढोडियाल देहरादून स्थित एक ही स्कूल के छात्र थे। आज वह स्कूल अपने छात्रों की शहादत पर शोकाकुल है पर फर्क की बात यह है कि उनके स्कूल के छात्र देश के लिए कुछ कर गये। दोनों के शहीद होने में बस एक दिन का फासला था।

देहरादून-एक ही स्कूल में पढ़े थे देवभूमि के ये दो वीर शहीद, दोनों ने देश के लिए दिया बलिदान

सेंट जोजफ्स एकेडमी में पढ़े है दोनों

देवभूमि का सेना से एक अलग ही नाता है। पहाड़ का बच्चा जब 10वीं पास हो जाता है तो उसका पहला लक्ष्य सेना में भर्ती होने का रहता है। इसके बाद अगर वह किसी कारणवश सेना में भर्ती नहीं हो पाता है तब नौकरी के दूसरे रास्ते खोजता है। यह आज भी देवभूमि में मौजूद है। आज भी पहाड़ की पीढ़ी सबसे पहले सेना में भर्ती होने के लिए प्रयास करती है। इसमें हमारे परिवारों के संस्कार और स्कूलों का बड़ा योगदान रहता है जो समय-समय पर हममें देशभक्ति का जज्बा जगाने का काम करते है। शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट और विभूति ढोडियाल देहरादून के प्रतिष्ठित सेंट जोजफ्स एकेडमी में पढ़े है।

देहरादून-एक ही स्कूल में पढ़े थे देवभूमि के ये दो वीर शहीद, दोनों ने देश के लिए दिया बलिदान

दोनों बने मेजर देश के लिए दिया बलिदान

दोनों ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा इसी स्कूल से ग्रहण की। मेजर चित्रेश ने वर्ष 2005 में बारहवीं पास की, जबकि मेजर विभूति ने यहा दसवीं तक की पढ़ाई की। उन्होंने वर्ष 2000 में दसवीं उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा पाइनहॉल स्कूल से पास की। इन दोनों जांबाजों ने देश की खातिर अपने प्राणों की आहूति देकर न केवल देश व प्रदेश, बल्कि स्कूल को भी गौरान्वित किया है। वही भारतीय शेर मेजर रोहित शुक्ला भी इसी स्कूल से पढ़े हैं। जो कश्मीर में करीब 52 सफल ऑपरेशन कर चुके है। इसके अलावा कई बड़े-बढ़े पदों पर बैठे अधिकारी इसी स्कूल के छात्र रहे है।