देहरादून-जब एक साथ एक ही घर में बरात लेकर पहुंची तीन दुल्हनें, पढिय़े फिर कैसी हुई शादी

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-आपने ज्यादातर सुना होगा कि मैदानी क्षेत्रों में दुल्हन बारात लेकर दूल्हें के घर आती है। लेकिन देवभूमि में भी ऐसा होता है कि दुल्हन बारात लेकर दूल्हे के घर आती है। वहीं अगर एक ही घर में तीन दुल्हनों की एक सात एंट्री हो जाय तो कुछ अटपटा लगता है लेकिन ऐसा
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देहरादून-जब एक साथ एक ही घर में बरात लेकर पहुंची तीन दुल्हनें, पढिय़े फिर कैसी हुई शादी

देहरादून-न्यूज टुडे नेटवर्क-आपने ज्यादातर सुना होगा कि मैदानी क्षेत्रों में दुल्हन बारात लेकर दूल्हें के घर आती है। लेकिन देवभूमि में भी ऐसा होता है कि दुल्हन बारात लेकर दूल्हे के घर आती है। वहीं अगर एक ही घर में तीन दुल्हनों की एक सात एंट्री हो जाय तो कुछ अटपटा लगता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। उत्तराखंड के देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर में दुल्हन के दूल्हे के यहां बरात लाने की अनूठी परंपरा है। स्थानीय भाषा में इसे जोजोड़ा विवाह कहते हैं। ऐसे में इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए सहिया क्षेत्र के कनबुआ गांव के एक ही परिवार में तीन दुल्हनें बरात लेकर पहुंचीं।

देहरादून-जब एक साथ एक ही घर में बरात लेकर पहुंची तीन दुल्हनें, पढिय़े फिर कैसी हुई शादी

जौनसारी में है यह परम्परा

बताया जा रहा है कि कनबुआ निवासी जालम सिंह पवार ने संयुक्त परिवार की परंपरा का निर्वाह करते हुए तीन पुत्रों देवेंद्र, प्रदीप व संदीप का विवाह एक ही दिन करने का फैसला किया। इसकी तैयारियां पिछले कई माह से चल रही थीं। वही कल रविवार को लखऊ खत के किस्तूड़ गांव से अमिता हलाड़ खत के क्वासा गांव से प्रिया व समाल्टा खत के भाकरौऊ गांव से रक्षा जौनसारी बारात लेकर कनबुआ गांव पहुंची। वही चारों भाइयों जालम सिंह पंवार, सूरत सिंह पंवार, कल सिंह पंवार व खजान सिंह पंवार ने बरातियों का जोरदार स्वागत किया। विवाह समारोह में मेहमानों को तरह-तरह के पारपंरिक लजीज व्यंजन परोसे गए। जिनका बारातियों ने लुफ्त उठाया।