देहरादून- देश के धार्मिक इतिहास को ऐसे सवारेगी उत्तराखंड सरकार, तैयार की ये नई योजना

उत्तराखंड में आने वाले समय में महाभारत, रामायण व सीता सर्किट से धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इन तीनों सर्किटों को विकसित करने की योजना बनाई है। महाभारत सर्किट के लिए 97.70 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। वहीं, पौड़ी जिले के कोट ब्लाक के तहत फलस्वाड़ी गांव
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देहरादून- देश के धार्मिक इतिहास को ऐसे सवारेगी उत्तराखंड सरकार, तैयार की ये नई योजना

उत्तराखंड में आने वाले समय में महाभारत, रामायण व सीता सर्किट से धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इन तीनों सर्किटों को विकसित करने की योजना बनाई है। महाभारत सर्किट के लिए 97.70 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। वहीं, पौड़ी जिले के कोट ब्लाक के तहत फलस्वाड़ी गांव में सीता सर्किट जन सहयोग से बनाया जाएगा।

देहरादून- देश के धार्मिक इतिहास को ऐसे सवारेगी उत्तराखंड सरकार, तैयार की ये नई योजना

जानकारी मुताबिक ऋषिकेश में भरत मंदिर और देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर को जोड़ कर रामायण सर्किट बनाने की सरकार की योजना है। वही मामले में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं है। सरकार ने महाभारत, रामायण व सीता सर्किट पर काम शुरू कर दिया है। इन सर्किटों के बनने से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते भी खुलेंगे।

ट्रस्ट का किया गठन

बता दें कि पौड़ी जिले के फलस्वाड़ी गांव में माता सीता मंदिर है। मान्यता है कि इस स्थान पर माता सीता ने भू समाधि ली थी। अब सरकार मंदिर को भव्य स्वरूप देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने ट्रस्ट का गठन कर लिया है। सीता मंदिर के साथ ही जटायु का मंदिर भी बनाया जाएगा। सरकार का मानना है नारी सम्मान व रक्षा के लिए सबसे पहले जटायु ने बलिदान दिया है। इस सर्किट से लक्ष्मण, वाल्मीकि मंदिर, ऋषिकेश के भरत मंदिर, देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर को जोड़ा जाएगा। महाभारत सर्किट में उन धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाएगा। जहां पर पांडव ठहरे थे। इसके लिए सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है।