देहरादून- इस महिला लोकगायिका को उत्तराखंड सरकार ने दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, आकाशवाणी के लिए गाये 100 से अधिक गाने

कबूतरी देवी एक भारतीय उत्तराखंडी लोकगायिका थीं। जिन्होंने उत्तराखंड के लोक गीतों को आकाशवाणी और प्रतिष्ठित मंचों के माध्यम से प्रसारित किया। सत्तर के दशक में उन्होंने रेडियो जगत में अपने लोकगीतों को नई पहचान दिलाई। उन्होंने आकाशवाणी के लिए लगभग 100 से अधिक गीत गाए। कुमाऊं कोकिला के नाम से प्रसिद्ध कबूतरी देवी राष्ट्रपति
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देहरादून- इस महिला लोकगायिका को उत्तराखंड सरकार ने दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, आकाशवाणी के लिए गाये 100 से अधिक गाने

कबूतरी देवी एक भारतीय उत्तराखंडी लोकगायिका थीं। जिन्होंने उत्तराखंड के लोक गीतों को आकाशवाणी और प्रतिष्ठित मंचों के माध्यम से प्रसारित किया। सत्तर के दशक में उन्होंने रेडियो जगत में अपने लोकगीतों को नई पहचान दिलाई। उन्होंने आकाशवाणी के लिए लगभग 100 से अधिक गीत गाए। कुमाऊं कोकिला के नाम से प्रसिद्ध कबूतरी देवी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी थीं।

सरकार ने दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

कबूतरी का जन्म 1945 में उत्तराखंड के चम्पावत जिले में हुआ। संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा उन्होंने अपने पिता रामकाली से अपने गांव में ही ली, उनके पिता उस समय के एक प्रख्यात लोक गायक थे। पहाड़ी गीतों में प्रयुक्त होने वाले रागों का निरन्तर अभ्यास करने के कारण कबूतरी देवी की शैली अन्य गायिकाओं से अलग थी। विवाह के बाद इनके पति ने इनकी प्रतिभा को पहचाना और आकाशवाणी और स्थानीय मेलों में गाने के लिये प्रेरित किया।

देहरादून- इस महिला लोकगायिका को उत्तराखंड सरकार ने दिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, आकाशवाणी के लिए गाये 100 से अधिक गाने

कबूतरी देवी संस्कृतिकर्मी आकाशवाणी के लिये गाने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने पर्वतीय लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच दिलाया। 2016 में 17वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार ने उन्हें लोकगायन के क्षेत्र में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया। 7 जुलाई 2018 को अस्थमा व हार्ट की दिक्कत के चलते उनकी मृत्यु हो गई।