देहरादून-त्रिवेंद्र हैं तो मुमकिन है! खत्म हुआ 14 बरसों का वनवास

देहरादून-टिहरी झील पर बनकर तैयार हुआ डोबरा चांठी पुल केवल एक पुल नहीं बल्कि लाखों लोगों की भावनाओं का भी केंद्र है। दरअसल, पिछले 14 सालों से प्रतापनगर व उत्तरकाशी के लोगों को टिहरी मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता था लेकिन अब उनकी राह आसान हो गयी है। त्रिवेंद्र सरकार
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देहरादून-त्रिवेंद्र हैं तो मुमकिन है! खत्म हुआ 14 बरसों का वनवास

देहरादून-टिहरी झील पर बनकर तैयार हुआ डोबरा चांठी पुल केवल एक पुल नहीं बल्कि लाखों लोगों की भावनाओं का भी केंद्र है। दरअसल, पिछले 14 सालों से प्रतापनगर व उत्तरकाशी के लोगों को टिहरी मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता था लेकिन अब उनकी राह आसान हो गयी है। त्रिवेंद्र सरकार ने मानो उनके 14 वर्ष के वनवास को खत्म कर दिया है। टिहरी और उत्तरकाशी के लोग इस पुल के बनने का पिछले 14 सालों से इंतजार कर रहे थे। पुल के बनने से तीन लाख की आबादी को फायदा मिलेगा।

 

देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज

प्रतापनगर की लाइफलाइन कहा जाने वाला डोबरा-चांठी पुल देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है, इसे टिहरी झील के ऊपर बनाया गया है। पुल को आकर्षक बनाने के लिए इस पर अत्याधुनिक फसाड लाइटिंग सिस्टम भी लगाई गई है जिस पर पांच करोड़ की लागत आई है।

आवागमन का बनेगा बेहतर जरिया

इस पुल को बनने में 14 साल का समय जरूर लगा, लेकिन सालों की मेहनत के बाद बना ये पुल ना सिर्फ आवागमन का बेहतर जरिया बनेगा, बल्कि इससे टिहरी में पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। इस पुल पर चलने वाले लोगों के लिए ये अनुभव शानदार और यादगार होने वाला है।

पर्यटन की बदलेगा तस्वीर

डोबरा-चांठी पुल को पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिस तरह टिहरी झील आज देश में एक नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रही है उसी तरह आने वाले दिनों में डोबरा चांठी पुल भी एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा।

टिहरी-उत्तरकाशी के लोगों को होगा फायदा

अभी तक टिहरी से प्रतापनगर जाने के लिए पांच से छह घंटे लग जाते थे। इस पुल के बन जाने के बाद टिहरी से प्रतापनगर का सफर डेढ़ घंटे में पूरा होगा।