देहरादून- देवभूमि के इस युवा क्रांतिकारी को हुई थी 40 साल कालापानी की सज़ा, आजादी की लड़ाई में निभाई अहम भूमिका

बच्चू लाल भट्ट आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होने वाले एक युवा क्रांतिकारी थे। उनका जन्म सन् 1909 में उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में हुआ। बच्चू बचपन से ही सहासी और निडर प्रवती के थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आजादी के प्रति उनके विचार उन्हें आजादी की लड़ाई की ओर ले
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देहरादून- देवभूमि के इस युवा क्रांतिकारी को हुई थी 40 साल कालापानी की सज़ा, आजादी की लड़ाई में निभाई अहम भूमिका

बच्चू लाल भट्ट आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ खड़े होने वाले एक युवा क्रांतिकारी थे। उनका जन्म सन् 1909 में उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में हुआ। बच्चू बचपन से ही सहासी और निडर प्रवती के थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आजादी के प्रति उनके विचार उन्हें आजादी की लड़ाई की ओर ले गए। उनके क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर शंभुनाथ आजाद ने उन्हें 1929 में नौजवान भारत सभा का सदस्य बनाया।

40 साल कालापानी सज़ा हुई

अंबाला गोली कांड के संबंध में बच्चू लाल समेत अनेक लोगों को ब्रिटिश सरकार ने बंधी बना लिया। लेकिन कोई सबूत न होने पर उन्हें कोर्ट ने रिहा कर दिया। देश की आजादी के लिए उनका जज्बा इतना बुलंद था कि वे किसी भी चुनौती को आसानी से पार कर फतेह कर लेते। 28 अप्रैल 1933 को ऊटी बैंक कांड में बच्चू का संबंध साबित होने के बाद उन्हें 40 साल की कालापानी की सज़ा सुनाई गई।