देहरादून- उत्तराखंड की जेलों के लिए जारी हुआ ये नया नियम, अधिकारियों की बड़ी चिंता

उत्तराखंड की जेलों में अब हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े का खेल नहीं चलेगा। फाइलों पर अधिकारी को हस्ताक्षर के साथ अपना नाम, पद का नाम और तारीख भी लिखनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर फाइल वापस लौट जाएगी और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। नए जेल आईजी एपी अंशुमान ने सभी जेलों को यह
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देहरादून- उत्तराखंड की जेलों के लिए जारी हुआ ये नया नियम, अधिकारियों की बड़ी चिंता

उत्तराखंड की जेलों में अब हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े का खेल नहीं चलेगा। फाइलों पर अधिकारी को हस्ताक्षर के साथ अपना नाम, पद का नाम और तारीख भी लिखनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर फाइल वापस लौट जाएगी और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। नए जेल आईजी एपी अंशुमान ने सभी जेलों को यह आदेश जारी कर तत्काल अमल करने के निर्देश दिए हैं।

इसलिए किया नियम लागू

सूबे की जेलों से अधिकारियों के पास आने वाली फाइलों में जेलर और कर्मचारी हस्ताक्षर तो कर देते हैं, लेकिन उसके नीचे नाम, पद नाम, विभाग और तारीख नहीं लिखते। ऐसे में किसी जरूरत के वक्त या अनियमितता पाए जाने पर हस्ताक्षर करने वाले कर्मचारी की पहचान में काफी वक्त जाया होता है। कई बार जब कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाता है तो यह काम और मुश्किल हो जाता है।

कई बार तो हस्ताक्षर के नीचे हस्ताक्षर करने वाले तारीख जानबूझकर नहीं डालते हैं, ताकि भविष्य में इसका अनुचित फायदा लिया जा सके। इसलिए जेल आईजी ने आदेश जारी किया है कि सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करते वक्त जेलर और कर्मचारी अपना नाम, पद नाम और तारीख अनिवार्य रूप से लिखें। ऐसा नहीं करने पर संबंधित के खिलाफ जांच और कार्रवाई दोनों होगी। माना जा रहा है कि इस फैसले का मकसद किसी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर करने वाले अथवा टिप्पणी लिखने वाले अधिकारी और कर्मचारी की पहचान सुनिश्चित करना है।