देहरादून- नैनीताल के इस लाल को वीरता के लिए मिला ये खास सम्मान, अंतिम 11 दिनों में ढेर किए 10 आतंकवादी

मोहन नाथ गोस्वामी भारतीय सेना की नौंवी बटालियन पैराशूट रेजिमेंट में सैनिक थे। उनका जन्म उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं में हुआ। मोहन 2002 में भारतीय सेना की कुलीन पैराशूट रेजिमेंट में शामिल हुए। अपने जीवन के आखिरी 11 दिनों में उन्होंने 10 आतंकवादियों को मार गिराया था। वह आंतकियों के खिलाफ देश के
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देहरादून- नैनीताल के इस लाल को वीरता के लिए मिला ये खास सम्मान, अंतिम 11 दिनों में ढेर किए 10 आतंकवादी

मोहन नाथ गोस्वामी भारतीय सेना की नौंवी बटालियन पैराशूट रेजिमेंट में सैनिक थे। उनका जन्म उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं में हुआ। मोहन 2002 में भारतीय सेना की कुलीन पैराशूट रेजिमेंट में शामिल हुए। अपने जीवन के आखिरी 11 दिनों में उन्होंने 10 आतंकवादियों को मार गिराया था। वह आंतकियों के खिलाफ देश के तीन बड़े ऑपरेशनों में भी सक्रिय रूप से शामिल थे। पहला ऑपरेशन 23 अगस्त 2015 को हंदवाड़ा के खुरमुर में हुआ था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए थे।

वीरता के लिए मिला अशोक च्रक सम्मान

उन्होंने रफियाबाद में दूसरे ऑपरेशन के लिए काम किया। दो दिनों तक चले इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों का खात्मा और एक आतंकी को पकड़ा गया। गोस्वामी का अंतिम ऑपरेशन 3 सितंबर 2015 को हुआ था, जहां वह एक घात टीम का हिस्सा थे।

देहरादून- नैनीताल के इस लाल को वीरता के लिए मिला ये खास सम्मान, अंतिम 11 दिनों में ढेर किए 10 आतंकवादी

ऑपरेशन में वह गोली लगने से घायल हो गये और घाव गहरे होने के कारण वह शहीद हो गए। पूरे हमले में उन्होंने दो आंतकी को मार गिराया था। मोहन नाथ की वीरता और देश प्रेम को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया।