देहरादून- उत्तराखंड के इस वीर ने देश की आजादी के लिए काटी कालापानी की सज़ा, इतना संघर्ष भरा रहा जीवन

इंद्र सिंह गढ़वाली एक युवा क्रातिकारी थे, जिनका जन्म 1906 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में हुआ। इंद्र सिंह नौजवान भारत सभा के एक सक्रिय सदस्य थे। 1929 को क्रांतिकारी शम्भुनाथ आजाद ने उन्हें क्रांतिकारी दल का सदस्य बनाया। अंग्रेसी शासन से आजादी की लड़ाई के दौरान उन्हें ब्रिटिश सिपाहियों ने घेर लिया और उन्हें
 | 
देहरादून- उत्तराखंड के इस वीर ने देश की आजादी के लिए काटी कालापानी की सज़ा, इतना संघर्ष भरा रहा जीवन

इंद्र सिंह गढ़वाली एक युवा क्रातिकारी थे, जिनका जन्म 1906 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में हुआ। इंद्र सिंह नौजवान भारत सभा के एक सक्रिय सदस्य थे। 1929 को क्रांतिकारी शम्भुनाथ आजाद ने उन्हें क्रांतिकारी दल का सदस्य बनाया। अंग्रेसी शासन से आजादी की लड़ाई के दौरान उन्हें ब्रिटिश सिपाहियों ने घेर लिया और उन्हें 20 साल की कालापानी सज़ा का दंड मिला।

आजादी के कई बार भेजें गए जेल

व्यवहार अच्छा होने के चलते इंद्र सिंह को बाद में बेल्लारी सेन्ट्रल जेल भेज दिया गया, जहां इनकी दोस्ती जेल वार्डन के साथ हुई और कुछ ही दिनों में ये जेल से भाग निकले। देश प्रेम के चलते अंग्रेजों को चुनौती देते हुए इन्हें कई बार जेल जाना पड़ा, बावजूद इंद्र सिंह आजादी की लड़ाई में दटे रहे।