देहरादून- द्वितीय विश्व युद्ध और भारत-पाकिस्तान युद्ध में देवभूमि के इस वीर ने निभाई अहम भूमिका, सेना में इस पद पर थे कार्यरत

ब्रिगेडियर सुरेंद्र सिंह पंवार ने भारतीय सेना में एक तोपखाने अधिकारी के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1919 को उत्तराखंड के देहरादून में हुआ। सुरेन्द्र पंवार ने भारतीय सैन्य अकादमी से पढ़ाई पूरी की। उन्हें 3 मई 1942 को इंडियन आर्टिलरी के रॉयल रेजिमेंट में दूसरे लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया
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देहरादून- द्वितीय विश्व युद्ध और भारत-पाकिस्तान युद्ध में देवभूमि के इस वीर ने निभाई अहम भूमिका, सेना में इस पद पर थे कार्यरत

ब्रिगेडियर सुरेंद्र सिंह पंवार ने भारतीय सेना में एक तोपखाने अधिकारी के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1919 को उत्तराखंड के देहरादून में हुआ। सुरेन्द्र पंवार ने भारतीय सैन्य अकादमी से पढ़ाई पूरी की। उन्हें 3 मई 1942 को इंडियन आर्टिलरी के रॉयल रेजिमेंट में दूसरे लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई।

देहरादून- द्वितीय विश्व युद्ध और भारत-पाकिस्तान युद्ध में देवभूमि के इस वीर ने निभाई अहम भूमिका, सेना में इस पद पर थे कार्यरत

अखिल भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संघ के रहे अध्यक्ष

1949 में उन्होंने मैनचेस्टर में स्कूल ऑफ एंटी-एयरक्राफ्ट मिलिलरी में ब्रिटिश लॉन्ग गनरी स्टाफ कोर्स में प्रवेश किया। अपने कार्यकाल के अंत में ब्रिगेडियर सुरेंद्र 1969 से 1971 तक लखनऊ में और 1971 से 1972 तक अंबाला में बतौर सब-एरिया कमांडर नियुक्त रहे। 1973 में वह ब्रिगेडियर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वह अखिल भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संघ के अध्यक्ष भी रहे। 29 अप्रैल 2002 को उनकी मृत्यु हो गई।