देहरादून- उत्तराखंड में पीएम की इस घोषणा का शुरु हुआ काम, बनेगा पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र

उत्तराखंड में सैनिक धाम बनाने की पीएम मोदी की घोषणा को अब पंख लगते नज़र आ रहे है। दरअसल राजधानी देहरादून में 50 बीघा जमीन पर प्रदेश का पांचवा धाम बनाया जाएगा। नगर निगम ने सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड की जमीन इसके लिए दी है। जिसके बाद से यहां सफाई का काम शुरू हो
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देहरादून- उत्तराखंड में पीएम की इस घोषणा का शुरु हुआ काम, बनेगा पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र

उत्तराखंड में सैनिक धाम बनाने की पीएम मोदी की घोषणा को अब पंख लगते नज़र आ रहे है। दरअसल राजधानी देहरादून में 50 बीघा जमीन पर प्रदेश का पांचवा धाम बनाया जाएगा। नगर निगम ने सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड की जमीन इसके लिए दी है। जिसके बाद से यहां सफाई का काम शुरू हो गया है। इसी माह के अंत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसका शिलान्यास करेंगे। मेयर सुनील उनियाल गामा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात भी की है। सीएम ने उनसे ट्रंचिंग ग्राउंड और पांचवें धाम के संबंध में चर्चा की है।

देहरादून- उत्तराखंड में पीएम की इस घोषणा का शुरु हुआ काम, बनेगा पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र

मेयर द्वारा की गई जानकारी के अनुसार ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए चार हेक्टेयर यानी 50 बीघा जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। उसके बाद जो जमीन बच जाएगी, उस पर स्थानीय लोगों के लिए पार्क बनाया जाएगा। बताया कि ट्रंचिंग ग्राउंड में जो कूड़ा है, उसके ऊपर सैन्य धाम व पार्क का निर्माण किया जाएगा। समतलीकरण के बाद मिट्टी की लेयर डाली जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। उनका मानना है कि सैन्य धाम आने वाले समय में प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनेगा।

पीएम और सीएम ने की थी घोषणा

प्रदेश में सैन्य धाम बनाने की घोषणा सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम तो हैं एक पांचवां सैन्य धाम भी है। बाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की। मेयर ने नगर निगम क्षेत्र में इसे बनाने का ऐलान किया था।

देहरादून- उत्तराखंड में पीएम की इस घोषणा का शुरु हुआ काम, बनेगा पर्यटन गतिविधियों का प्रमुख केंद्र

इस खास प्रक्रिया से होगा कूड़ा खत्म

ट्रंचिंग ग्राउंड में खड़े कूड़े के पहाड़ को इंदौर की तर्ज पर बायो रेमेडीएशन प्रोसेस से खत्म किया जाएगा। मेयर ने बताया कि इसके लिए दो ट्रॉमल लगाए जा रहे हैं। जिसके जरिये रिफ्यूज ड्राइव फ्यूल और कंपोस्ट को कूड़े में से अलग किया जाता है। बाकी बचे हिस्से की एचडीपीआई लाइनर जियोसिंथेटिक प्ले लाइनर आदि प्रोसेसिंग के जरिये कैपिंग कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि इंदौर ने इस तकनीक के जरिये करीब 40 साल पुराने कचरे का ट्रीटमेंट किया है। मेयर ने कहा कि कूड़े का पूरी तरह ट्रीटमेंट किया जाएगा ताकि भूजल गंदा न हो।